नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को एक बार फिर राहत की उम्मीद है। केंद्र सरकार जल्द ही इस योजना की 21वीं किस्त जारी करने की तैयारी में है। बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो तीन बराबर किस्तों में यानी हर चार महीने में 2000 रुपये के रूप में मिलती हैं।
मौजूदा जानकारी के अनुसार, अब तक देशभर के करोड़ों किसानों को 20 किस्तों का लाभ मिल चुका है, और 21वीं किस्त अक्टूबर के अंत या दिवाली से पहले जारी की जा सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से किस्त जारी करने की आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी, ताकि किसानों को खेती से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए सीधी वित्तीय सहायता दी जा सके। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनका नाम लाभार्थी सूची में शामिल है।
अगर कोई किसान यह जानना चाहता है कि उसका नाम लाभार्थी सूची में है या नहीं, तो वह पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर यह जानकारी प्राप्त कर सकता है।
वेबसाइट पर ‘Farmers Corner’ सेक्शन में जाकर ‘Beneficiary Status’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आधार नंबर या बैंक अकाउंट नंबर डालने पर यह जानकारी मिल जाएगी कि किसान को पिछली किस्तें मिली हैं या नहीं और अगली किस्त का स्टेटस क्या है।
वहीं, जिन किसानों का मोबाइल नंबर योजना से लिंक नहीं है या बदल गया है, वे वेबसाइट पर जाकर ‘Update Mobile Number’ विकल्प के माध्यम से नया नंबर अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए आधार विवरण और ओटीपी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
बता दें कि हाल के दिनों में पीएम किसान योजना के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट और संदेशों के जरिए धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। ऐसे में सरकार ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। किसानों से कहा गया है कि वे किसी भी अनजान लिंक या वॉट्सऐप मैसेज पर क्लिक न करें। योजना से जुड़ी कोई भी अपडेट या सेवा केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त की जानी चाहिए।
अगर किसी किसान को योजना से जुड़ी कोई समस्या या शिकायत है, तो वह सीधे हेल्पलाइन नंबर 155261 या 011-24300606 पर संपर्क कर सकता है।
इस तरह पीएम किसान योजना एक बार फिर किसानों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आई है, और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि हर पात्र किसान तक इसका लाभ समय पर पहुंच सके हैं।