पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान सेना के खिलाफ प्रदर्शन और तेज होता जा रहा है। गाड़ियों को आग के हवाले किया गया। सरकार और सेना के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। पाक अधिकृत कश्मीर में विद्रोह की आग इस कदर धधकती जा रही है कि जगह जगह लोग सरकार और सेना के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बुनियादी जरूरतों पर सब्सिडी कटौती के खिलाफ प्रदर्शन में पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में 6 लोग मारे गए। 3 पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई है। टीओआई के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज ने पीओके में शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग की। घटनाएं इलाकों में हुई। यह आंदोलन 29 सितंबर से हिंसक मुजफ्फराबाद और आसपास के हो गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को हिंसा पर चिंता जताई।
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भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हालिया विरोध प्रदर्शनों को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि यह इस्लामाबाद की ‘दमनकारी नीतियों’ का नतीजा है। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि पीओके में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है। हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और उसके द्वारा जबरन और अवैध रूप से कब्ज़े वाले इन इलाकों के संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है। पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
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पीओके में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें 12 नागरिकों की मौत हो गई है और 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) कर रही है, जो पीओके के लोगों के लिए आर्थिक राहत और अधिक राजनीतिक स्वायत्तता की मांग कर रही है। विरोध प्रदर्शनों के चलते, स्थानीय अधिकारियों ने पीओके में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी हैं, जबकि मुज़फ़्फ़राबाद में होटल, दुकानें और व्यावसायिक केंद्र भी बंद हैं। खबरों के मुताबिक, इस क्षेत्र में प्रतिबंध जारी रहने की संभावना है।
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इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीओके के हालात पर चिंता जताई है। उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शरीफ ने पीओके में अशांति की ‘पारदर्शी जांच’ के आदेश दिए हैं और प्रदर्शनकारियों से ‘शांतिपूर्ण’ बने रहने का भी आग्रह किया है। बयान में कहा गया है कि उन्होंने आग्रह किया है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हर नागरिक का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक व्यवस्था को नुकसान पहुँचाने से बचना चाहिए। सरकार के स्तर पर, इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए, प्रधानमंत्री ने वार्ता समिति का विस्तार करने का फैसला किया है।