Tuesday, October 21, 2025
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Political Crisis in Nepal: गोली, नौजवानों की आंदोलन वाली बोली, अब दुबई भागने की फिराक में PM ओली

बीते 24 घंटे नेपाल के लिए काफी भयानक रहे। नेपाल में पूरे दिन बवाल के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन अब वापस ले लिया गया है। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से वापस लौटने की अपील की। जिस बीच प्रधानमंत्री ओली ये वचन दे रहे थे कि किसी भी कीमत पर सोशल मीडिया पर लगा बैन वो वापस नहीं लेंगे। उन्होंने तो ये तक कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। इन सब के बीच जब तनाव पिछले 24 घंटों में गहराता नजर आया तो केपी शर्मा ने यू टर्न ले लिया। केपी शर्मा ओली की सरकार ने फैसला वापस ले लिया। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से वापस लौटने को कहा। तोड़फोड़, आगजनी की घटनाओं की जांच के आदेश दिए। हिंसक प्रदर्शन पर पीएम ओली ने कहा कि सरकार लोगों के इस बैन का असल उद्देश्य में असफल रही। 

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पीएम ओली ने आधी रात को बयान जारी कर कहा कि प्रदर्शनकारी सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के आवास पर पहुँच गए और उस पर कब्ज़ा कर लिया। स्थिति हिंसक हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने परिसर में कम से कम आधा दर्जन वाहनों को आग लगाने सहित संपत्ति में आग लगा दी। रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश भर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के करीबी सूत्रों के अनुसार, वे इलाज के बहाने दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस यात्रा के लिए एक निजी एयरलाइन, हिमालय एयरलाइंस, को स्टैंडबाय पर रखा गया है। बढ़ते राजनीतिक उथल-पुथल और कई मंत्रियों के इस्तीफों के बीच, ओली ने नियोजित प्रस्थान से पहले अपने उप-प्रधानमंत्री को कार्यकारी ज़िम्मेदारियाँ सौंपी हैं। 

दुबई भागने वाले हैं ओली?

सरकार के प्रयासों और युवा पीढ़ी के बीच अस्पष्टता के कारण अप्रिय घटना हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार सोशल मीडिया के उपयोग पर अंकुश लगाने के पक्ष में नहीं है तथा इसके उपयोग के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। चूँकि हमें विश्वास है कि हमारे बच्चे और पीढ़ियाँ अपनी माँगें शांतिपूर्वक रखेंगी, इसलिए विरोध प्रदर्शनों में विभिन्न हित समूहों की घुसपैठ से उत्पन्न स्थिति के कारण नागरिकों की मृत्यु जैसी दुखद स्थिति उत्पन्न हुई। सरकार जेन-जी पीढ़ी द्वारा रखी गई माँगों के प्रति नकारात्मक नहीं थी। हम जेन-जी पीढ़ी की माँगों को सुन रहे थे। 

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