अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर कुनर प्रांत में रविवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। देखते ही देखते गांव के गांव बर्बाद हो गये और ताश के पत्तों की तरह घर ढह गये। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भूकंप से हजारों लोगों के मारे जाने की आशंका है हालांकि अब तक 500 मौतों की पुष्टि हुई है सैंकड़ों लोग घायल बताये जा रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक झटके पूर्वी अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के कई हिस्सों तक महसूस किए गए।
नंगरहार प्रांत के संचार अधिकारी सिदीकुल्लाह कुरैशी बादलून ने बताया है कि सबसे ज्यादा जनहानि कुनर में हुई है, जबकि नंगरहार में नौ मौतें दर्ज की गईं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, यह भूकंप जलालाबाद से 27 किमी उत्तर-पूर्व में रात 11:47 बजे (स्थानीय समय) आया, जिसके बाद तीन आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए। स्वास्थ्य मंत्री शराफत ज़मान ने कहा कि दुर्गम इलाकों में पहुंचना कठिन होने के कारण हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। प्रांतीय सूचना प्रमुख नजीबुल्लाह हनीफ ने बताया कि सैंकड़ों घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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हम आपको बता दें कि भूकंप सतह से मात्र 8-10 किमी की उथली गहराई पर आया, जिससे मिट्टी और पत्थर से बने घर ढह गए। बचाव दल मलबे में जीवित लोगों की तलाश कर रहे हैं। कई बच्चों की मौत छत गिरने से हुई है। भूकंप के झटके जलालाबाद सहित कई कस्बों में इमारतों को हिला गए, जबकि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक (370 किमी दूर) महसूस किए गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति तथा यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के संगम विशेषकर हिंदूकुश क्षेत्र में, इसे बार-बार आने वाले भूकंपों के प्रति बेहद संवेदनशील बनाती है। देखा जाये तो दशकों के संघर्ष से जूझ रहे इस देश के पुनर्निर्माण प्रयासों पर ऐसी आपदाएँ अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं।
इस बीच, अफगानिस्तान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्रभावित इलाकों में मोबाइल नेटवर्क खराब होने के कारण मृतक और घायलों के सही आंकड़े अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, “अब तक किसी भी विदेशी सरकार ने बचाव या राहत कार्य में मदद के लिए संपर्क नहीं किया है।” रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सीमा से सटे इलाके में रात 12 बजे आया। विदेशी मीडिया की फुटेज में हेलीकॉप्टरों से घायलों को अस्पताल ले जाते देखा गया। सैनिक, स्वास्थ्यकर्मी और स्थानीय निवासी मिलकर घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचा रहे थे।
देखा जाये तो यह आपदा ऐसे समय आई है जब अफगानिस्तान पहले से ही कई मानवीय संकटों से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहायता में कमी और पड़ोसी देशों से शरणार्थियों की जबरन वापसी ने हालात और गंभीर बना दिए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया है कि डर के कारण सैकड़ों लोग अपने घर छोड़कर खुले में आ गए। नंगरहार के 28 वर्षीय निवासी पोलाद नूरी ने मीडिया को बताया, “मैंने आधी रात तक कम से कम 13 आफ्टरशॉक्स गिने। अपनी ज़िंदगी में इतना शक्तिशाली भूकंप पहले कभी नहीं देखा।”