दिल्ली में इस सप्ताह की शुरुआत में लाल किले के पास हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि एक और घायल व्यक्ति की एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई। मृतक की पहचान बिलाल के रूप में हुई है, जिसका गंभीर रूप से जलने और विस्फोट में लगी चोटों का इलाज चल रहा था। कई घायलों का अभी भी शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महिपालपुर इलाके में एक बस का टायर फटने की तेज आवाज से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। लाल किला क्षेत्र में हुए जोरदार विस्फोट की घटना के बाद टायर फटने की जोरदार आवाज ने लोगों की चिंता बढ़ा दी।
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खुफिया एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की शीर्ष कमांडर डॉ. शाहीन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जो ‘मैडम सर्जन’ कोड नाम से काम करती थी। शाहीन, जो अपने भर्ती अभियानों के लिए जानी जाती थी, को उसके करीबी सहयोगियों और भारत भर में आतंकी संगठन की कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल जैश के साथी गुर्गों के बीच इसी उपनाम से जाना जाता था। लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि डॉ. उमर नबी उस कार को चला रहा था जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में विस्फोट हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि उमर की मां के डीएनए नमूने मंगलवार को एकत्र किए गए और जांच के लिए यहां भेजे गए। उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल से एकत्र अवशेषों के साथ डीएनए नमूनों का विश्लेषण किया गया। उमर इस सप्ताह की शुरुआत में पर्दाफाश किए गए एक ‘‘सफेदपोश’’ आतंकी मॉड्यूल का एक प्रमुख सदस्य था। वह जम्मू कश्मीर में पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला था। वहीं, सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के नजदीक हुए कार में हुए विस्फोट को बुधवार को एक ‘‘आतंकवादी घटना’’ करार दिया, जबकि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि विस्फोटकों से लदी कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के मौके पर यहां हमला करने की योजना बनाई थी।
सोमवार शाम को हुए विस्फोट की जांच में शामिल अधिकारियों ने कहा कि उमर और एक अन्य प्रमुख संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल गनई ने 2021 में तुर्किये की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिबंधित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ से मुलाकात की थी। भूटान से लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहरायी गई। मंत्रिमंडल में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘मंत्रिमंडल निर्देश देता है कि घटना की जांच अत्यंत तत्परता और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि अपराधियों, उनके सहयोगियों और उनके प्रायोजकों की पहचान की जा सके और उन्हें बिना किसी देरी के न्याय के शिकंजे में लाया जा सके। स्थिति पर सरकार के उच्चतम स्तर पर कड़ी नजर रखी जा रही है।’’
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इसके साथ ही ‘सफेदपोश आतंकी’ मॉड्यूल मामले में कश्मीर के विभिन्न इलाकों से तीन सरकारी कर्मचारियों समेत करीब 10 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने रात भर की छापेमारी के दौरान अनंतनाग, पुलवामा और कुलगाम जिलों से संदिग्धों को हिरासत में लिया। जांच में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को एक और बड़ा सुराग मिला है. अब जांचकर्ताओं को एक तीसरी कार- मारुति ब्रेजा मिली है, जो इस मॉड्यूल से जुड़ी बताई जा रही है। पुलिस इस कार की तलाश कर रही थी जो अल फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर खड़ी मिली।

