Saturday, December 27, 2025
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Punjab Floods | लुधियाना में सतलुज तटबंध टूटने का खतरा, सैकड़ों गांवों पर बाढ़ का मंडराया संकट, BSF की 90 चौकियां जलमग्न, 110 KM बाड़ क्षतिग्रस्त

पंजाब में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर 37 हो गई, जबकि 1988 के बाद राज्य में आए सबसे भीषण सैलाब से 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गईं। राज्य में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और अलग-अलग जगहों से मदद पहुंच रही है, ताकि 1,655 गांवों के 3.55 लाख से ज़्यादा लोगों को राहत मिल सके। भारी बारिश के बाद रूपनगर और पटियाला जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है, जबकि सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सात सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिमालय से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियां तथा छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं, जिससे शहर, गांव और कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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बाढ़ प्रभावित पंजाब में पिछले 24 घंटे से बारिश से राहत

बाढ़ प्रभावित पंजाब में लोगों को लगातार हो रही भारी बारिश से कुछ राहत मिली है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में पंजाब के लुधियाना में 9.8 मिमी, पटियाला में 1.8 मिमी, गुरदासपुर में 1.7 मिमी, फरीदकोट में 3.5 मिमी और रूपनगर में 0.5 मिमी बारिश हुई। वहीं चंडीगढ़ में इस दौरान 0.9 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा के करनाल में इस अवधि में 9 मिमी, नारनौल में 28.5 मिमी, रोहतक में 17.4 मिमी और नूंह में 2 मिमी बारिश हुई। हरियाणा के कुछ हिस्सों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति भी बनी हुई है। 
 

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पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़, 43 की मौत

पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 43 हो गई, वहीं 1.71 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। चौहान ने इसे जल प्रलय की स्थिति बताते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि केंद्र उन्हें इस संकट से उबारने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित किसानों तथा अन्य लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब का दौरा कर रहे हैं और बाद में ये दल केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

लुधियाना प्रशासन ने तटबंध टूटने के खतरे के बाद अलर्ट जारी किया

लुधियाना जिला प्रशासन ने सतलुज नदी के तेज बहाव के कारण जिले के पूर्वी हिस्से में एक तटबंध पर भारी दबाव पड़ने के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि अगर ‘बंध’ (तटबंध) और कमजोर होता है और टूटता है तो ससराली, बूंट, रावत, हवास, सीरा, बूथगढ़, मंगली टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खासी खुर्द, मंगली कादर, मत्तेवाड़ा, मंगत और मेहरबान सहित कई गांवों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। निवासियों को सतर्क रहने और जहां तक ​​संभव हो ऊपरी मंजिलों पर चले जाने तथा यदि वे निचले या एक मंजिला मकानों में रहते हैं तो अस्थायी रूप से सुरक्षित आश्रयों में चले जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वाटरप्रूफ बैग में सुरक्षित रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। पंजाब भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।

बाढ़ से पंजाब, जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 110 किलोमीटर लंबी बाड़

पंजाब और जम्मू के अग्रिम इलाकों में बाढ़ के कारण भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की 110 किलोमीटर से ज़्यादा बाड़ क्षतिग्रस्त हो गई है और लगभग 90 बीएसएफ चौकियां जलमग्न हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय सीमा 2,289 किलोमीटर लंबी है, जो देश के पश्चिमी हिस्से में राजस्थान और गुजरात राज्यों से होकर भी गुजरती है। बीएसएफ जम्मू में लगभग 192 किलोमीटर और पंजाब में 553 किलोमीटर की पहरेदारी करता है। 

90 बीएसएफ चौकियां क्षतिग्रस्त

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी लगभग 80 किलोमीटर लंबी बाड़ और जम्मू में लगभग 30 किलोमीटर लंबी बाड़ बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इन जगहों पर लगी बाड़ या तो डूब गई है, उखड़ गई है या झुक गई है। बाढ़ से जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की लगभग 20 और पंजाब में 65-67 चौकियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं या जलमग्न हो गई हैं। बीएसएफ की कई अग्रिम रक्षा चौकियां या ऊंचाई पर स्थित निगरानी चौकियां भी प्रभावित हुई हैं। 
एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ ने अब इन दोनों क्षेत्रों में बाड़ और सीमा चौकियों को बहाल करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है ताकि जवान फिर से वहां तैनात हो सकें। उन्होंने बताया कि इन प्रभावित इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के साथ ड्रोन, ​​बड़ी सर्चलाइट से नजर रखी जा रही है और नौकाओं से गश्त की जा रही है। पानी कम हो रहा है और बीएसएफ कर्मी जल्द ही वहां तैनात हो जाएंगे। कुछ दिन पहले जम्मू में बाढ़ के पानी में बीएसएफ का एक जवान डूब गया। पंजाब 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, जबकि जम्मू में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है जहां तवी नदी में उफान से सैकड़ों घर और कई हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
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