आज यानी की 05 जुलाई को भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु अपना 30वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 05 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। वहीं 16 साल की उम्र में पीवी सिंधु ने अपना डेब्यू किया था। जिसके बाद उन्होंने कई रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया था। पीवी सिंधु ने बहुत कम उम्र में बैडमिंटन की दुनिया में अपना नाम कमाया और वह देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर पीवी सिंधु के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
बैडमिंटन खिलाड़ी
पीवी सिंधु भारत की सबसे बेहतरीन और सफल बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने खुद को निखारने के लिए और ट्रेनिंग के लिए पुलेला गोपीचंद की एकेडमी गईं। साल 2016 और 2020 में उन्होंने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते।
कांस्य पदक
साल 2009 में पीवी सिंधु ने पहली बड़ी सफलता प्राप्त की थी। उन्होंने एशियाई सब-जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। पीवी सिंधु की यह उपलब्धि उनके करियर की शुरूआत के तौर पर मानी जाती है। फिर जल्द ही उन्होंने अपनी अंतरराष्ट्रीय लेवल पर पहचान बनाई।
स्वर्ण पदक
साल 2013 में पीवी सिंधु ने मलेशिया ओपन में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद से वह युवा खिलाड़ी के तौर पर बैडमिंटन जगत में अपनी पहचान बनाने में सफल रही थीं।
कांस्य पदक
फिर साल 2013 में एक बार फिर उन्होंने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। जब चीन के ग्वांगझू में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन की ओर से आयोजित की गई। इस विश्व चैंपियशिन में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया। इस मुकाबले में पीवी सिंधु ने वान इहान को हराया था। वहीं पीवी सिंधु विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
रजत पदक
पीवी सिंधु डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज के समय शानदार फॉर्म में थीं। उन्होंने शीर्ष खिलाड़ी वांग इहान को हराया और फाइनल में अपनी जगह बनाई। हालांकि इस दौरान वह फाइनल नहीं जीत सकीं और उनको रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
रियो ओलंपिक 2016
भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में नया अध्याय उस दौरान जुड़ा, जब पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक में अपना दबदबा कायम करते हुए रजत पदक जीता। इस असाधारण प्रतिभा के कारण पीवी सिंधु को करियर में नई ऊंचाई मिली। उस दौरान भारत की ओर ने ओलंपिक में 116 में किया गया सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था।
फिर साल 2017 में उन्होंने इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीता और साल 2019 में भी पीवी सिंधु का स्वर्णिम सफर जारी रहा। इस साल उन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। फाइनल में पीवी सिंधु ने जापान की खिलाड़ी नाजोमी ओकुहारा को हराकर यह जीता था।