इन दिनों यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया द्वारा दिए गए बयान पर चर्चा हो रही है। इसी बीच कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी इस मामले पर तंज कसा है। गौरव गोगोई ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन लोगों पर अधिक बारीकी से गौर करने का आह्वान किया, जिनका वे सार्वजनिक रूप से समर्थन करते हैं। यह बात कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ पर पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच कही गई। लोकसभा में विपक्ष के उपनेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिसे चाहें समर्थन दे सकते हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर उन्हें ‘अधिक जिम्मेदार’ होना चाहिए।
गौरव गोगोई ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी उन लोगों पर अधिक ध्यान देंगे, जिनका उन्होंने सार्वजनिक रूप से और सोशल मीडिया पर समर्थन किया है। अपने निजी जीवन में, वह जिसे चाहें उसका समर्थन कर सकते हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री से अधिक जिम्मेदार होने की उम्मीद की जानी चाहिए।”
गोगोई पिछले साल मार्च में नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड 2024 में मोदी से रणवीर अल्लाहबादिया उर्फ ‘बीयर बाइसेप्स’ को ‘डिसरप्टर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिलने का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने अपने पॉडकास्ट पर केंद्रीय मंत्रियों सहित कई प्रमुख हस्तियों की मेजबानी की है। हालाँकि, हाल ही में, रणवीर इलाहाबादिया कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में जज के रूप में उपस्थित होने के दौरान एक प्रतियोगी पर अपनी टिप्पणी के कारण बड़े विवाद में फंस गए।
रणवीर इलाहाबादिया ने यह टिप्पणी ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के नवीनतम एपिसोड में भाग लेने वाले एक प्रतियोगी को ‘प्रश्न’ के रूप में दी। रणवीर इलाहाबादिया ने एक प्रतियोगी से पूछा, “क्या आप अपने माता-पिता को हर दिन सेक्स करते देखना पसंद करेंगे या उनके साथ मिलकर इसे हमेशा के लिए खत्म करना चाहेंगे?” रणवीर के साथ समय रैना, आशीष चंचलानी, अपूर्व मुखीजा उर्फ द रिबेल किड और अन्य लोग भी मौजूद थे। रणवीर की टिप्पणी से उनके साथी ‘जज’ भी हैरान रह गए। रणवीर ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी, लेकिन उनके और अपूर्व मखीजा, समय रैना और शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के आयोजकों सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
शिकायतकर्ता ने कहा कि शो में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और उन्होंने आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। इस विवाद ने राजनीतिक तूफ़ान का रूप ले लिया है और भाजपा तथा विपक्ष दोनों ही इस टिप्पणी की आलोचना कर रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अपनी सीमाएं हैं, वहीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगी।