भारत और रूस आने वाले दिनों में अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने जा रहे हैं। इस बीच, भारत में रूसी राजदूत ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान भारत द्वारा एस-400 प्रणाली और रूस के साथ संयुक्त रूप से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया और इनकी प्रदर्शन क्षमता उत्कृष्ट रही। रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने यह भी बताया कि भारत और रूस के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की और इकाइयों की खरीद को लेकर बातचीत “चल रही है” क्योंकि दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने का श्रेय एस-400 प्रणाली को दिया गया है।
रूसी राजदूत अलीपोव ने एक समाचार एजेंसी को बताया, “जहाँ तक हमें जानकारी है, भारत ने स्पष्ट रूप से अपने लक्ष्यों को परिभाषित किया और आतंकवादियों की पहचान करने के बाद कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि हमारे अनुसार, इस अभियान के दौरान एस-400 प्रणाली का उपयोग किया गया और ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की गईं। उन्होंने कहा कि इन हथियारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। हम आपको याद दिला दें कि यह संघर्ष भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद शुरू हुआ था, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया था। भारत ने यह स्पष्ट किया था कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थी और 7 मई की कार्रवाई कोई उकसावे वाली या युद्धोन्मुखी नहीं थी। लेकिन पाकिस्तान ने तीन दिन बाद भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की, जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया।
हम आपको बता दें कि भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग रहा है। दोनों देश कई द्विपक्षीय परियोजनाओं में साझेदार हैं, जिनमें एस-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI का लाइसेंसधारी उत्पादन, MiG-29 और कामोव हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति, आईएनएस विक्रमादित्य (पूर्व में एडमिरल गोर्शकोव), AK-203 राइफल का भारत में निर्माण और ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, रणनीतिक योजना और सैन्य तैयारियों को देखते हुए भारत निकट भविष्य में और अधिक एस-400 प्रणालियाँ खरीद सकता है। रूसी राजदूत अलीपोव ने पुष्टि की, “इस विशेष विषय पर तथा और अन्य कई विषयों पर, हमारी चर्चा चल रही है। यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन इसके परिणामों के बारे में बात करना मेरे लिए अनुचित और समय से पूर्व होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि रूस ‘मेक इन इंडिया’ ब्रह्मोस मिसाइलों से “बहुत संतुष्ट” है, जो भारत-रूस की संयुक्त परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि “हमारे पास एक संयुक्त उद्यम है, जो इन हथियारों को डिजाइन और उत्पादन करता है। इस सहयोग के परिणामों से हम बहुत संतुष्ट हैं। इसका भविष्य बहुत आशाजनक है और हम इस दिशा में विस्तार करना चाहते हैं।
देखा जाये तो ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में की गयी कार्रवाई और उसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से किये गये हमले के प्रयास के दौरान भारत की वायु रक्षा प्रणाली की पहली परीक्षा हुई जिसमें वह सौ प्रतिशत अंकों से सफल हुई। हम आपको बता दें कि रूस की एस-400 के अलावा स्वदेशी आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली ने भी पाकिस्तानी हमलों से देश को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। वायुसेना के डीजीएमओ एयर मार्शल एके भारती ने कहा था कि भारत की रक्षा प्रणाली “एक दीवार की तरह खड़ी रही” और दुश्मन की घुसपैठ को रोक दिया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर भारत के आधुनिक सैन्य और रणनीतिक इतिहास का एक निर्णायक क्षण साबित हुआ है, जो सटीकता और प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही राष्ट्रीय संप्रभुता और नागरिकों के जीवन की रक्षा का बड़ा उदाहरण बना है। इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बनाने वाली बात सिर्फ़ हमलों का स्तर या सफलता नहीं है, बल्कि इसमें निहित संदेश है कि भारत अब सीमा पार से आतंकवाद को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगा और नियंत्रित, वैधानिक और रणनीतिक रूप से पूरी शक्ति के साथ इसका जवाब देगा।
तेज़ और सटीक कार्रवाई द्वारा भारत आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने, सैन्य खतरों को बेअसर करने और लंबे समय से थमी प्रतिरोधक क्षमता बहाल करने में कामयाब रहा और यह सब व्यापक स्तर पर युद्ध और अपने नागरिकों को हताहतों होने से बचाते हुए किया गया। अपने ठिकानों को बचाने और शक्तिशाली जवाबी हमला करने में पाकिस्तान की विफलता, उसकी तुरंत युद्धविराम की गुहार, क्षेत्रीय शक्ति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। भारत ने इस अभियान के जरिये सिर्फ़ सैन्य जीत ही नहीं, युद्ध के नियम भी दुबारा लिख दिये हैं। ऑपरेशन सिंदूर के साथ भारत ने प्रदर्शित कर दिया है कि रणनीतिक संयम का मतलब निष्क्रियता नहीं है और जब उकसावे की कोई कार्रवाई होती है तो वह नपातुला लेकिन ज़बरदस्त जवाबी कार्रवाई कर सकता है और करेगा।