Thursday, December 18, 2025
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Sansad Diary: लोकसभा में VB-G Ram G बिल पर चर्चा, परमाणु ऊर्जा बिल पास

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। शीतकालीन सत्र का यह आखिरी सप्ताह है। आज भी दोनों सदनों में सामान्य रूप से कामकाज हुआ। हालांकि मनरेगा के नाम बदलने और नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर विपक्ष की ओर से शोर शराबा भी हुआ। बावजूद इसके दोनों सदनों में समान रूप से कामकाज देखने को मिला। सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन विधेयक, 2025) पर राज्यसभा में चर्चा हुई। राज्यसभा में विपक्ष ने सबका बीमा सबकी रक्षा विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की। लोकसभा ने अपने पूर्व सदस्य राम विलास वेदांती के निधन पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी। सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सांसद डॉ राम विलास वेदांती के निधन की सूचना दी। लोकसभा ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्ष के विरोध के बीच बुधवार को मंजूरी प्रदान की।
 

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आज की कार्यवाही

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी: ग्रामीण विकास विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया। यह विधेयक विकसित भारत 2047 की राष्ट्रीय परिकल्पना के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करने के लिए है, जिसके तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उन सभी ग्रामीण परिवारों को एक सौ पच्चीस दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी। इस बिल पर लोकसभा में चर्चा हुई। 
संसद ने बुधवार को अप्रचलित और पुराने हो चुके 71 कानूनों को समाप्त करने या संशोधित करने के प्रावधान वाले ‘निरसन और संशोधन विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने इस विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे कल ही पारित कर चुकी है। 
सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया किइलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भारतीय कानून के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित हैं तथा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने ई-सिगरेट और वेप उपकरणों की जब्ती से संबंधित किसी भी मामले की जांच नहीं की है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए) के तहत प्रतिबंधित है।
रेल दुर्घटनाओं और कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर द्रमुक के एक सांसद के दावों को खारिज करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आज दो हजार किलोमीटर से अधिक रेल मार्ग पर कवच सुरक्षा प्रणाली लगाने का काम पूरा हो चुका है और देश में यह काम तेजी से चल रहा है।
राज्यसभा में बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि बहु लेन निर्बाध परिवहन (एमएलएफएफ) टोल प्रणाली और एआई-संचालित राजमार्ग प्रबंधन देश भर में 2026 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके लागू होने के बाद ये प्रौद्योगिकी यात्रियों के लिए टोल नाके पर प्रतीक्षा समय को समाप्त कर देंगी।
रसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि संचार की 5जी तकनीक के मामले में भारत की सफलता केवल देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की कहानी बन गई है और भारत 6जी में दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 5जी तकनीक देश की ही नहीं, विश्वव्यापी सफलता की कहानी बन गई है। भारत ने 4जी में दुनिया का अनुसरण किया, 5जी में दुनिया के साथ चला और हम 6जी में विश्व का नेतृत्व करेंगे।’’ 
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने संबंधी विधेयक एक ऐतिहासिक कदम है और यह मील का पत्थर साबित होगा तथा राष्ट्र को नयी दिशा देगा। उन्होंने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही इस तरह के बड़े फैसले ले सकते हैं। परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक विधेयक है। 
 

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने परमाणु ऊर्जा विधेयक में विभिन्न खामियों का उल्लेख करते हुए बुधवार को लोकसभा में दावा किया कि इसमें रेडियोधर्मी पदार्थों के विकिरण और परमाणु अपशिष्ट से उत्पन्न होने वाले ‘‘जोखिम को पूरी तरह से नजरअंदाज’’ किया गया है। उन्होंने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह विधेयक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत नहीं करता और इस संबंध में अनिश्चितता को गहराता है कि भारत का परमाणु ऊर्जा क्षेत्र किस ओर जा रहा है।
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