आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य जाँच एजेंसी (एसआईए) कश्मीर ने जम्मू, डोडा और हंदवाड़ा में तीन संदिग्ध स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। इन सावधानीपूर्वक की गई तलाशियों का उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से सीमा पार से धन मुहैया कराने से जुड़ी एक जटिल साजिश का पर्दाफाश करने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाना था, जिसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देना और शांति भंग करना था। तलाशी अभियानों का लक्ष्य उन व्यक्तियों की पहचान करना भी था जो युवाओं को भारत संघ के विरुद्ध भड़का रहे हैं और इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुँचा रहे हैं।
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ये तलाशी गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18, 38 और 39 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121 और 121ए के तहत पुलिस स्टेशन सीआई-एसआईए कश्मीर में दर्ज एक चल रही जाँच का हिस्सा हैं। तलाशी अभियान में महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले गुप्त वित्तीय नेटवर्क का पर्दाफाश करने में एक बड़ी सफलता मिली है। बरामद वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से राज्य जांच एजेंसी कश्मीर को इन राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले सह-षड्यंत्रकारियों और सहयोगियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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राज्य जाँच एजेंसी आतंकवाद और उसकी सहायक प्रणालियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी-आधारित वित्तपोषण जैसे परिष्कृत तरीके भी शामिल हैं, जिनका हिंसा और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए तेजी से शोषण किया जा रहा है। ये तलाशी अभियान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए राज्य जाँच एजेंसी के अटूट दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।