बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने सवाल खड़े किए है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर इस देश के नागरिकों के नाम सूची से काटे जा रहे हैं और एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है, और चुनाव आयोग इस आवासीय प्रमाण पत्र को स्वीकार भी कर रहा है। कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र तो है, लेकिन लोग वोट नहीं डाल सकते। जिस SIR की वे बात कर रहे हैं… विशेष गहन पुनरीक्षण…।
इसे भी पढ़ें: इंडिया ब्लॉक ने बिहार SIR के खिलाफ जारी रखा प्रदर्शन, सोनिया गांधी भी हुईं शामिल
अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि SIR का असली मतलब है खामोश अदृश्य धांधली, जिसकी शुरुआत चुनाव आयोग ने भाजपा के पक्ष में की है। जो लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल सरकार पर सवाल उठाने के लिए करते हैं, चुनाव आयोग उनका मताधिकार छीनने की कोशिश कर रहा है। जिस तरह से वे पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं… मेरा मानना है… उन्होंने पहले भी देखा है कि पश्चिम बंगाल में उनके कार्यों का कोई नतीजा नहीं निकला। अब उन्होंने बिहार में भी ऐसा ही किया है; मुझे विश्वास है कि बिहार की जनता इसका जवाब देगी। इस बीच, मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है।
टीएमसी सांसद ने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है… वे बंगाल में भी यही कोशिश करेंगे, खूब उत्पात मचाएँगे। लेकिन, जनता तृणमूल कांग्रेस के प्रति प्यार, आशीर्वाद और विश्वास बढ़ता ही जाएगा और तृणमूल कांग्रेस 2026 में 2021, 2024 और 2023 के पंचायत चुनावों से भी बेहतर परिणाम हासिल करेगी। भाजपा लोगों का मताधिकार छीनना चाहती है। सरकार पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि पहलगाम (आतंकी हमले) का ज़िम्मेदार कौन है? आप बंगाल का अपमान करते हैं और कहते हैं कि बंगाल सरकार बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराती है। जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के लिए कौन ज़िम्मेदार है? जम्मू-कश्मीर पुलिस किसके नियंत्रण में है? चार आतंकवादी कैसे घुस आए? वे बहुत शेखी बघारते हैं। वे दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश की सीमा से लोग घुसपैठ कर आए, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? उन्हें घुसने किसने दिया?
इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार का एक और गिफ्ट, राज्य सरकार ने बढ़ाए आशा और ममता वर्कर्स के पैसे
इसके आगे उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति यह क्यों तय करेंगे कि भारत युद्ध कब रोकेगा या कब शुरू करेगा? नरेंद्र मोदी 2014 से पहले कहते थे कि रिमोट से चलने वाली सरकार है। वे कहते थे कि मनमोहन सिंह 10 जनपथ से रिमोट से चलते थे। कम से कम रिमोट दिल्ली में तो था, अब रिमोट अमेरिका में है… भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति नियंत्रित कर रहे हैं।