Thursday, December 18, 2025
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शासन से वार्ता के बाद ग्राम सचिवों का सत्याग्रह आंदोलन स्थगित, संसाधन उपलब्ध होने पर ही लागू होगी ऑनलाइन उपस्थिति

लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के विरोध और विभिन्न विभागीय समस्याओं को लेकर बीते एक पखवाड़े से चल रहा ग्राम सचिवों का प्रदेशव्यापी चरणबद्ध सत्याग्रह आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय निदेशक पंचायती राज, उत्तर प्रदेश के साथ हुई संतोषजनक वार्ता के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी संघ और ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के शीर्ष पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में लिया गया।

प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ डॉ. प्रदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि “संसाधन उपलब्ध होने के बाद ही ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू की जाएगी।” वहीं ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुबाष चंद्र पांडेय ने सरकार से ग्राम सचिवों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक करने और ग्रेड पे/वेतन मैट्रिक्स में संशोधन पर गंभीरता से विचार करने की मांग दोहराई।

शासन की मंशा और प्रमुख आश्वासन

वार्ता के दौरान निदेशक पंचायती राज ने बताया कि पंचायत सचिवालय निर्माण की मूल भावना के अनुरूप ग्राम स्तर पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को एक साथ बैठकर कार्य करने और उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर विचाराधीन है। इसका मकसद ग्रामीण जनता को एक ही स्थान पर सभी विभागीय सेवाएं उपलब्ध कराना है।

ग्राम सचिवों की मांगों पर शासन की ओर से निम्न प्रमुख आश्वासन दिए गए—

  • ग्राम सचिवों को सरकारी एंड्रॉइड मोबाइल, लैपटॉप, सीयूजी सिम और डाटा भत्ता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया।
  • अप्रासंगिक हो चुके साइकिल भत्ते के स्थान पर मोटरसाइकिल भत्ता दिए जाने हेतु शासन को प्रस्ताव।
  • डोंगल से भुगतान की जटिल व्यवस्था को समाप्त कर केंद्र और राज्य के विभिन्न सॉफ्टवेयर को जोड़ते हुए एकल विंडो सिस्टम विकसित करने का प्रयास।
  • फार्मर रजिस्ट्री, एग्री स्टैक सर्वे, फैमिली आईडी, हेल्थ कार्ड, गौशाला, पीएम सूर्यघर, पराली प्रबंधन, आवारा पशु पकड़ने जैसे अन्य विभागीय कार्य ग्राम सचिवों से न कराए जाने के लिए शासन व संबंधित विभागों को पत्राचार।
  • रिजवी समिति की अनुशंसा के अनुसार ग्राम सचिव की शैक्षणिक योग्यता स्नातक करने और वेतन मैट्रिक्स लेवल-05 किए जाने हेतु वित्त एवं कार्मिक विभाग को पुनः प्रत्यावेदन।
  • मनरेगा में 22 अगस्त 2022 के शासनादेश का ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन और शासकीय क्षति में डोंगल लगाने के लिए सक्षम अधिकारियों की सहभागिता।
  • मनरेगा ऑडिट को एक्ट के अनुरूप सामाजिक अंकेक्षण से कराने और परफॉर्मेंस ग्रांट की तरह चार्टर्ड अकाउंटेंट का विकल्प देने की मांग पर भी सकारात्मक चर्चा।

आंदोलन स्थगन की घोषणा

शासन से सकारात्मक, सार्थक और कर्मचारी हितैषी वार्ता के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी संवर्ग के शीर्ष नेतृत्व ने संयुक्त सहमति से प्रदेशभर में चल रहे सत्याग्रह आंदोलन को अगले कार्यक्रम तक स्थगित करने की घोषणा की।

बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी

केंद्रीय बैठक में डॉ. प्रदीप सिंह, सुबाष चंद्र पांडेय, नागेंद्र प्रताप कुशवाहा, रमेश उदैनिया, सूर्यभानु राय, जितेंद्र यादव, जितेंद्र गंगवार, अनिल कुमार यादव, दुर्गा प्रसाद राय, संतोष कुमार, ललित कुमार, मो. नसीम खान, राघवेंद्र सिंह सहित प्रदेश के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष: शासन से मिले आश्वासनों के बाद फिलहाल आंदोलन स्थगित किया गया है, लेकिन संसाधन, कार्यभार और वेतन संबंधी मांगों पर ठोस कार्रवाई न होने की स्थिति में आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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