आंध्र प्रदेश के मशहूर श्री वेंकटेश्वर मंदिर के एडमिनिस्ट्रेशन जो कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के तहत आता है। बोर्ड ने अब कथित तौर पर “गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों” में भाग लेने के लिए अपने 18 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है। बोर्ड ने ये फैसला एक फरवरी को लिया है।
इस संबंध में एक आदेश सामने आया था जिसमें उन कर्मचारियों के नाम दिए गए थे जो हिंदू परंपराओं के उलट प्रथाओं में शामिल थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो जिन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया गया है उसमें विभिन्न टीटीडी शैक्षणिक संस्थानों के छह शिक्षक शामिल हैं। ये एसवी आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ केवी विजया भास्कर रेड्डी और एसपीडब्ल्यू डिग्री और पीजी कॉलेज में व्याख्याता और प्रिंसिपल के सुजाता और जी असुंथा शामिल हैं।
इसके अलावा विभिन्न विभागों के कई अन्य कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं, जैसे कल्याण के उप कार्यकारी अधिकारी ए. आनंद राजू और नीलामी के सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू। स्थानांतरण में तकनीकी, चिकित्सा और प्रशासनिक क्षेत्र के कर्मचारी भी शामिल हैं। टीटीडी के कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि इन 18 कर्मचारियों को गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वाले के रूप में पहचाना गया था, जबकि उन्होंने नियुक्ति के समय हिंदू परंपराओं का पालन करने की शपथ ली थी।
टीटीडी के अनुसार, यह राजस्व विभाग (बंदोबस्ती) के 1989 के सरकारी आदेश संख्या 1060 में निर्धारित नियमों का उल्लंघन है। बोर्ड ने दावा किया कि इस तरह की कार्रवाई हिंदू श्रद्धालुओं की पवित्रता और आस्था को प्रभावित कर सकती है, तथा मंदिर द्वारा सदियों से कायम रखे गए मूल्यों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह कदम नवंबर में लिए गए निर्णय के बाद उठाया गया है, जिसमें टीटीडी बोर्ड ने गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्थानांतरित करने तथा अपनी बैठकों में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्यक्त की थी। टीटीडी ने इस बात पर जोर दिया था कि सभी कर्मचारियों को मंदिर की परंपराओं और मूल्यों को बनाए रखना चाहिए और स्थानांतरण का उद्देश्य श्री वेंकटेश्वर मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना है।
आंध्र प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया
टीटीडी बोर्ड के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश के आईटी एवं मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार के रुख का दृढ़ता से समर्थन करती है। उन्होंने मीडिया से कहा, “यह हमारी सरकार का रुख है। इस बारे में कोई दो राय नहीं है…हमने चुनाव से पहले इस बारे में बात की थी, हम इस पर कायम हैं।”