अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100% तक टैरिफ लगाने की घोषणा पर विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कल सोशल मीडिया पर एक नोटिस देखा जिसमें नए टैरिफ के बारे में बात की गई थी। हमने फार्मा और अन्य उत्पादों पर रिपोर्ट देखी है, और संबंधित मंत्रालय और विभाग इस मामले पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और इसके प्रभाव की जाँच कर रहे हैं।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एक अक्टूबर से आयातित वस्तुओं पर भारी कर लगाएंगे, जिनमें दवाइयों पर 100 प्रतिशत, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी (सिंक और सामान रखने के लिए उसके साथ बनी हुई अलमारी) पर 50 प्रतिशत, अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर पर 30 प्रतिशत और भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। ‘अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर’ का मतलब है ऐसा फर्नीचर जिस पर गद्देदार कपड़ा, चमड़ा या किसी और नरम सामग्री की परत लगी हो। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को एक पोस्ट में यह घोषणा की।
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ट्रंप ने इन शुल्कों को लगाने का कोई कानूनी आधार नहीं दिया लेकिन उन्होंने ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि आयातित ‘किचन कैबिनेट’ और सोफों पर कर ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों’’ से जरूरी है। ये शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नयी अनिश्चितता ला सकते हैं। उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम चुकाने पड़ सकते हैं और नौकरियों पर असर पड़ सकता है। फेडरल रिज़र्व प्रमुख जेरोम पॉवेल ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में आगाह किया था कि ऊंची कीमतें इस साल महंगाई में बढ़ोतरी का बड़ा कारण हैं। ट्रंप ने कहा कि दवाओं पर शुल्क उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका में संयंत्र लगा रही हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि पहले से मौजूद कारखानों पर कर कैसे लागू होगा। जनगणना ब्यूरो के अनुसार, अमेरिका ने 2024 में लगभग 233 अरब डॉलर की दवाएं आयात कीं।