यूक्रेन की स्पेशल फोर्स ने रूस पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की है। रूस ने इसे आतंकी हमला कहा है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने सैकड़ों एआई ड्रोन्स की मदद से रूस के पांच सैन्य बेस पर हमला कर दिया। यूक्रेन ने कहा कि उसने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को तबाह कर दिया है। हालांकि रूस ने इस बात को नकार दिया है। लेकिन यूक्रेन ने तस्वीरें जारी कर दी। आकार, पैमाने और जटिलता के मामले में यूक्रेन ने दुनिया के सबसे बड़े हमलों में से एक को अंजाम दे दिया है। ये हमला कितना भयानक और व्यापक था इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यूक्रेन ने रूस के जिन एयर बेस पर हमला किया है, वो एयरबेस रूस के तीन अलग अलग टाइमजोन में पड़ते हैं।
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आपको याद होगा कि कुछ दिनों पहले ही डोनाल्ड ट्रंप नेपुतिन को चेतावनी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन के साथ युद्ध विराम वार्ता में शामिल होने से इनकार करके आगे आग से खेल रहे हैं। अगर वे नहीं होते तो रूस में बहुत सारी बुरी चीजें पहले ही हो चुकी होती। मेरा मतलब है कि बहुत बुरी चीजें। लेकिन ट्रंप के इस बयान के बाद रूस भड़क गया था। पुतिन की तरफ से तीसरे विश्व युद्ध की धमकी दी गई है और साफ कहा गया है कि ट्रंप जिस तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं, जिस तरीके से भिड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उसका नतीजा सिर्फ एक दिखाई दे रहा है और वो तीसरा विश्व युद्ध है। अब यूक्रेन की तरफ से रूस पर बड़ा अटैक किया गया है। जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन में 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। जेलेंस्की ने दावा किया कि हमारा ऑपरेशन रूस के जिस क्षेत्र में चला, उसका ऑफिस सीधे रूस के एफएसबी विभाग के बगल में था।
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कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हमले के बाद रूस को शायद पहली बार वो दर्द झेलना पड़ा है, जो दर्द भारत को भी झेलना पड़ा था। जिस तरह से जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमला करने आए आतंकियों की कुछ भारत के ही गद्दारों ने मदद की थी। ठीक उसी तरह कुछ गद्दारों ने यूक्रेन के साथ हाथ मिलाकर रूस पर हमला करवा दिया। गद्दारों की जो कीमत भारत को जम्मू कश्मीर में उठानी पड़ती है। वही कीमत इस बार रूस ने चुकाई है। आपको याद होगा कि भारत के पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत की जंग ढाई मोर्चों पर हो रही है। उन्होंने बार-बार 2.5 मोर्चे के युद्ध को संबोधित किया, जिसमें पाकिस्तान और चीन के साथ-साथ भारत के भीतर कुछ तत्वों द्वारा उत्पन्न गंभीर खतरों को रेखांकित किया।
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बताया जा रहा है कि रूस पर जो हमला हुआ है। वो रूस के अंदर ही आधे मोर्चे वाले की मदद से किया गया है। यूक्रेन पिछले 18 महीनों से रूस में बैठे गद्दारों की मदद से अपने ड्रोन्स रूस के गुप्त सैन्य ठिकानों के पास छिपा रहा था। इसके अलावा कई ड्रोन्स को ट्रकों में भरकर रूस की सेना के ठिकानों के पास लगा दिया।
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