यूक्रेन ने रूस पर देर रात जोरदार हमला बोला है। रूस के सीमावर्ती क्षेत्र बेलगोरोड में यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने पिछले 24 घंटों में 110 से ज्यादा घातक ड्रोन छोड़े हैं। साथ ही 20 से ज्यादा राउंड गोलाबारी भी की है। व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने बताया कि रूस के बेलगोरोड क्षेत्र के एक गाँव पर यूक्रेनी हमले में कम से कम तीन लोग मारे गए और नौ घायल हो गए। फुटेज और तस्वीरों में गवर्नर लोगों से बात करते और मास्लोवा प्रिस्तान गाँव में हमले वाली जगह पर हुए नुकसान का मुआयना करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह हमला एक खेल और फिटनेस कॉम्प्लेक्स पर हुआ। ग्लैडकोव ने कहा कि इमारत आंशिक रूप से नष्ट हो गई और दो आवासीय इमारतें और पाँच कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। द मॉस्को टाइम्स के अनुसार, यूक्रेन सोमवार से रूस के बेलगोरोड क्षेत्र पर हमला कर रहा था।
इसे भी पढ़ें: Asim Munir को शहबाज ने जड़ा थप्पड़! पाकिस्तान में हड़कंप
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन द्वारा नव विकसित लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोनों द्वारा रूसी तेल सुविधा पर किए गए हमलों से रूस में गैस की भारी कमी हो रही है। जेलेंस्की ने इसके साथ ही कहा कि युद्ध के मैदान में हाल ही में यूक्रेन द्वारा किए गए जवाबी हमले ने पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की रूस की योजना को पटरी से उतार दिया है। जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन की नयी मिसाइलों ने दर्जनों रूसी सैन्य डिपो को निशाना बनाया है। उन्होंने बताया कि रूटा मिसाइल ड्रोन ने हाल ही में 250 किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर स्थित एक रूसी तेल सुविधा पर हमला किया। उन्होंने इसे नए हथियार की ‘बड़ी सफलता’ करार दिया।
इसे भी पढ़ें: अमेरिका में सांसदों ने किया खेल, भारत पर से हटेगा 50% टैरिफ?
जेलेंस्की ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि रूस में ईंधन की कमी और बढ़ते आयात से पता चलता है कि यूक्रेन के हमलों का असर हो रहा हैं। उन्होंने कहा, मुख्य बात यह है कि (रूस) अब गैसोलीन आयात कर रहा है। ये एक संकेत है। यूक्रेनी खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि रूस ने बेलारूस से गैस का आयात छह गुना बढ़ा दिया है और आयात शुल्क हटा दिए हैं। साथ ही चीन से भी ईंधन आयात कर रहा है। जेलेंस्की ने कहा, हमारे आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने (रूस) हमारे द्वारा किए गए हमलों के बाद अपनी गैसोलीन आपूर्ति का 20 प्रतिशत तक खो दिया है। रूसी अधिकारियों ने संभावित गैस की कमी के विषय में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।