Thursday, March 20, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीयUkraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है? ट्रंप की बात...

Ukraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है? ट्रंप की बात क्यों नहीं माने पुतिन

जिस युद्ध में हजारों लोगों की जान गई। शहर के शहर खंडर बन गए। पूरी दुनिया पर असर पड़ा। जिस जंग ने न जाने अब तक कितने घर उजाड़े। हर सुबह गोले बारूद की घड़घड़ाहट। मौत के साएं में कांपते लोग। एक ऐसा युद्ध जो मानवता को निगलने पर आमदा था। रूस यूक्रेन के बीच वही युद्ध अब खत्म होने की कगार पर है। क्या सच में ऐसा है? अमेरिका की पहल से रूस यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध अब खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है। ट्रंप और पुतिन के  बीच अहम बातचीत हुई। युद्ध खत्म करने को लेकर सहमति बनी। पुतिन 30 दिनों के युद्धविराम पर राजी हो चुके हैं, जिससे इस लंबे और विनाशकारी युद्ध को खत्म करने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। ऐसे तमाम दावे किए जा रहे हैं। लेकिन इन लंबी लंबी बातचीत का सीधा सा फलसफां ये है कि पूर्णत: युद्धविराम को पुतिन राजी नहीं हुए हैं। बस यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर उसकी तरफ से हमले नहीं किए जाने का भरोसा दिया गया है। ट्रंप और पुतिन के बीच दो घंटे लंबी बातचीत के बाद फै सला आ गया। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप ओवल ऑफिस में बैठे बैठे शांति के गहने पीड़ो रहे थे और उधर रूस और यूक्रेन एक दूसरे पर हमलावर हो रहे थे उनकी फोन कॉल के बाद रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर हमला किया।  

इसे भी पढ़ें: बारूदी ज्वाला भड़की! ट्रंप का फोन काटते ही यूक्रेन के हॉस्पिटल पर पुतिन ने बम गिरा दिया,

कुछ हफ्तों में सीजफायर होने की उम्मीद

रूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर ऊर्जा ठिकानों पर हुए हमले को समझौते की अनदेखी का आरोप लगाया है। शांति वार्ता को पटरी से उतारने का आरोप भी लगा रहे हैं। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि युद्ध समाप्त करने पर तकनीकी बातचीत सोमवार से सऊदी अरब में शुरू होगी और कुछ हफ्तों में सीजफायर संभव है। ट्रंप और पूतिन की संभावित मुलाकात को लेकर भी अटकलें तेज हैं, जिससे अमेरिका और NATO सहयोगी यूरोप की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।  

ट्रंप के लॉजिक से प्रभावित हुए पुतिन?

ट्रंप ने कभी चुनावी मंच से वादा किया था कि वो इस जंग को खत्म करके दम लेंगे। उन्होंने इस जंग को रुकवाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। ट्रंप ने पुतिन को इस युद्ध से होने वाले नुकसान की याद दिलाई। साफ किया की इस युद्ध से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने वाला। बल्कि इससे सिर्फ तबाही होगी और मौत का आंकड़ा बढ़ेगा। ट्रंप ने बताया कि रूस पर लगे प्रतिबंधों ने उसकी इकोनॉमी को कमजोर कर दिया। युद्ध जारी रहा तो हालात और खराब होंगे। ट्रंप का मैसेज क्लीयर था ताकी दोनों देश शांति वार्ता की मेज पर पहुंच सके। ट्रंप ने पुतिन को समझाया और शायद उनकी कमजोर नस को छू लिया। यू्क्रेन को घुटनों पर लाने के लिए अड़े पुतिन ट्रंप के लॉजिक से प्रभावित हुए।  

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Putin ने 2 घंटे तक Trump से क्या बात की? क्या US-Russia के बीच जो सहमति बनी उसे मानेंगे Zelenskyy?

पुतिन ने क्या सच में मान ली ट्रंप की बात

पुतिन ने शर्त रखी कि पश्चिमी सैन्य सहायता बंद हो, यूक्रेन दोवारा सेना न जुटाए और अनिवार्य भर्ती प्रक्रिया रोकी जाए। जेलेंस्की ने रूस को कोई रियायत देने से इनकार किया है, जबकि मास्को ने 372 कैदियों की अदला-बदली को ‘सद्भावना संकेत’ वताया है। वाइट हाउस और रूस के बीच जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को लेकर भी बात हुई। यह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट है और युद्ध की शुरुआत से ही रूस के कब्जे में है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी (IAEA) कई बार इस प्लांट को लेकर भी चिंता जता चुकी है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments