यूएसएआईडी फंडिंग का मुद्दा लोकसभा में: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया है। इससे पहले ट्रम्प ने दावा किया था कि हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के संगठनों को अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) से 260 मिलियन डॉलर मिले थे। ट्रम्प का आरोप है कि सोरोस ने इस धन का इस्तेमाल भारत और बांग्लादेश सहित कई देशों में अस्थिरता फैलाने और राजनीतिक मामलों को प्रभावित करने के लिए किया। अब यह मुद्दा भारतीय संसद में उठाया गया है।
भाजपा सांसद ने की जांच की मांग
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने मांग की कि सरकार को मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों को जेल भेजना चाहिए। कांग्रेस का अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस से संबंध है।
क्या यूएसएआईडी ने भारत को विभाजित करने के लिए धन उपलब्ध कराया था या नहीं?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएसएआईडी संगठन को पूरी तरह से बंद कर दिया है क्योंकि यह वर्षों से विभिन्न सरकारों को उखाड़ फेंकने के लिए पैसा खर्च कर रहा था। विपक्ष को यह बताना चाहिए कि यूएसएआईडी ने भारत विभाजन के लिए जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को 5000 करोड़ रुपए दिए थे या नहीं। क्या उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया या नहीं?
भारत सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।
निशिकांत दुबे ने उठाए सवाल, ‘क्या USAID ने तालिबान को दिया पैसा?’ विपक्ष को यह बताना चाहिए कि क्या इस अमेरिकी संगठन ने आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले कुछ संगठनों को धन दिया था या नहीं। भाजपा सांसद ने यूएसएआईडी पर मानवाधिकारों के नाम पर विभिन्न संगठनों और ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ को धन देने का आरोप लगाते हुए सरकार से इसकी जांच करने और देश को नुकसान पहुंचाने के लिए धन लेने वालों को जेल भेजने का आग्रह किया। कांग्रेस सदस्यों ने दुबे द्वारा लगाए गए इन आरोपों के खिलाफ नारे लगाए।