क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में लगभग 369% अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे कई जिलों में भूस्खलन, अचानक बाढ़ और जनहानि हुई। बागेश्वर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ, जहाँ सामान्य 4 मिमी की तुलना में 84 मिमी बारिश हुई और लगभग 2,000% अधिक बारिश हुई। कपकोट तहसील में भारी बारिश के कारण पाँच-छह घर नष्ट हो जाने से दो महिलाओं, बसंती देवी और बचुली देवी की मौत हो गई। पवन नामक एक व्यक्ति घायल हो गया, जबकि तीन अन्य – रमेश चंद्र जोशी, उनका बेटा गिरीश और पूरन जोशी – लापता हैं।
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इसके बाद उत्तराखंड के चमोली जिले में ज्योतिर्मठ-मलारी राजमार्ग पर शनिवार देर रात भारी बारिश के कारण तमक बरसाती नाले में आयी बाढ़ से वहां बना एक पुल बह गया जिससे नीति घाटी के सीमांत क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों तथा सीमा पर तैनात सैनिक एवं अर्धसैनिक बलों का मोटर संपर्क टूट गया।
चमोली जिला प्रशासन ने बताया कि सुराहीथोटा और जुम्मा के बीच तमक नाले के ऊपरी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण देर रात दो बजे बाढ़ आ गयी जिससे वहां बना सीमेंट और कंक्रीट का पुल बह गया।
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अलकनंदा नदी की सहायक जलधारा धौलीगंगा के किनारे स्थित इस क्षेत्र में हुई घटना में किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।
पुल बहने से तमक से आगे नीति घाटी के सीमांत क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक जनजातीय गांवों और सीमा पर तैनात सैनिक एवं अर्धसैनिक बलों का मोटर संपर्क ठप हो गया है। करीब तीन साल पूर्व यहां से लगभग पांच किलोमीटर आगे जुम्मा मोटर पुल भी इसी तरह बह गया था।
इस बीच, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, चमोली और ज्योतिर्मठ के बीच दो स्थानों-भनीरपानी और पागलनाला पर मलबा आने से बंद है। जिला प्रशासन ने बताया कि मार्ग पर यातायात बहाल करने के लिए मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है।
केदारनाथ को चमोली से जोड़ने वाला कुंड-चमोली राष्ट्रीय राजमार्ग भी बैरागना के समीप भूस्खलन से अवरुद्ध है जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
बारिश के कारण ज्योतिर्मठ क्षेत्र में बिजली प्रभावित है।