Wednesday, August 6, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयUttarkashi Cloudburst and Floods | उत्तरकाशी में बादल फटने और भूस्खलन के...

Uttarkashi Cloudburst and Floods | उत्तरकाशी में बादल फटने और भूस्खलन के कारण बचाव दल फंसे, उत्तराखंड में मानसून का कहर, नदियां उफान पर बह रही

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गयी और 130 से अधिक लोगों को बचा लिया गया। उत्तराखंड सरकार द्वारा यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) तथा सेना सहित अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर घटनास्थल से 130 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में जारी भारी बारिश के बीच बुधवार सुबह धराली में आपदा पीड़ितों की तलाश के लिए बचाव एवं राहत कार्य फिर शुरू किया गया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। मंगलवार दोपहर बाद बादल फटने से खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ में करीब आधा गांव तबाह हो गया था। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।
 

इसे भी पढ़ें: ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर में जासूसी कैमरे ले जाने को संज्ञेय अपराध बनाने पर विचार कर रही: मंत्री

भारतीय सेना ने फंसे हुए लोगों की तलाश में मदद के लिए MI-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। कम से कम 60 लोग लापता बताए जा रहे हैं, हालाँकि वास्तविक संख्या इससे ज़्यादा मानी जा रही है, क्योंकि कई लोग धराली गाँव में हर दूध मेले के लिए इकट्ठा हुए थे जब यह आपदा आई। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं।
भटवारी में मुख्य सड़क के ढहने से कुछ क्षण पहले का एक वीडियो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। सड़क के अचानक बह जाने से एम्बुलेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य बचाव दल फँस गए हैं। घायलों तक पहुँचने वाली एम्बुलेंसें अब सड़क बह जाने के कारण फँस गई हैं, जिससे क्षेत्र में बचाव और राहत कार्यों में काफ़ी बाधा आ रही है।
 

इसे भी पढ़ें: संभावित आतंकी खतरे के मद्देनजर बीसीएएस ने हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा

इससे पहले, घटनास्थल के लिए जाते समय उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना में चार लोगों की मृत्यु हुई है। बाढ़ में लापता हुए लोगों की संख्या के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संख्या 50 से अधिक हो सकती है क्योंकि बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला। अधिकारियों ने बताया कि धराली में आई बाढ़ में कई मकान और होटल तबाह हो गए। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। उन्होंने बताया कि दोपहर बाद करीब पौने दो बजे हुई इस घटना में कम से कम आधा धराली गांव मलबे और कीचड़ में दब गया। बाढ़ के पानी और मलबे के तेज बहाव में तीन-चार मंजिला मकानों सहित आस-पास की इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। 

धरासू में भूस्खलन से सड़क अवरुद्ध

उत्तराखंड के धरासू क्षेत्र में, पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर नीचे सड़क पर गिर गया। बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें गिर रही हैं, जिससे अधिकारियों को सुरक्षा एहतियात के तौर पर दोनों दिशाओं से सड़क बंद करनी पड़ी है। आपदा नियंत्रण कक्ष को सूचित कर दिया गया है। गनीमत रही कि यह घटना सुबह-सुबह हुई जब कोई वाहन वहाँ से नहीं गुज़र रहा था, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

अलकनंदा, भागीरथी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर

अलकनंदा नदी इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। भागीरथी नदी का भी यही हाल है, जो उफान पर है।
भटवारी से लगभग 20 किलोमीटर पहले, भागीरथी नदी अपने पूरे उफान पर है और उसका बहाव ख़तरनाक रूप से तेज़ है। लगातार बारिश, भूस्खलन और खराब दृश्यता के साथ मौसम अभी भी खराब बना हुआ है। हर्षिल अभी भी इस बिंदु से 66 किलोमीटर दूर है। भटवारी में सड़क पूरी तरह से कट गई है, जहाँ बचाव अभियान अब लंबा और चुनौतीपूर्ण होने की उम्मीद है। क्षेत्र के दृश्य नुकसान की व्यापकता और कठिन परिस्थितियों को दर्शाते हैं।

रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में लगातार बारिश

रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी दोनों जिलों में 17 घंटे से अधिक समय से लगातार बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और परिवहन एवं संचार नेटवर्क में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। गौरीकुंड के कई इलाकों में भूस्खलन की सूचना मिली है, जिससे सड़कों और रास्तों पर कीचड़ और मलबा गिर गया है। इन घटनाओं ने आपदा प्रतिक्रिया प्रबंधन में चल रही चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित

बिगड़ते मौसम और अवरुद्ध मार्गों को देखते हुए, केदारनाथ तीर्थयात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और तीर्थयात्रियों से स्थिति में सुधार होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments