Friday, December 19, 2025
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WHO Global Summit: पीएम मोदी बोले- योग ने दुनिया को दिखाया स्वास्थ्य का मार्ग; आयुष का बढ़ा मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष क्षेत्र के लिए एक मास्टर डिजिटल पोर्टल, माई आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल (एमएआईएसपी) सहित कई ऐतिहासिक आयुष पहलों का शुभारंभ किया और आयुष मार्क का अनावरण किया, जिसे आयुष उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता के लिए एक वैश्विक मानक के रूप में परिकल्पित किया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दूसरी पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ का वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन दिन है। पिछले 3 दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनियाभर के विशषज्ञों ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म का काम कर रहा है और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है।
 

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मोदी ने कहा कि मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों के हृदय से आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में पारंपरिक चिकित्सा की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक पद्धतियों का संगम होता है, जिससे नवाचार के लिए एक अनूठा मंच तैयार होता है। कई नई पहलें शुरू की गई हैं जिनमें चिकित्सा विज्ञान और समग्र स्वास्थ्य के भविष्य को बदलने की क्षमता है।
इस समिट में कईं अहम विषयों और सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। अनुसंधान को मजबूत करना, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अंकीय प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे विनियामक ढाँचा तैयार करना जिनपर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे पारंपरिक चिकित्सा को बहुत सशक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली में WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से अनुसंधान, विनियमन और क्षमता निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में संतुलन, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये संतुलन बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही स्वस्थ है। पुनर्स्थापित करना, संतुलन… आज ये केवल एक ग्लोबल कारण ही नहीं है। बल्कि, ये एक वैश्विक तात्कालिकता भी है। इसे संबोधित करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।
 

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन शैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव, शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत…. इससे मानव शरीर के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा उत्तरदायित्व आने वाले भविष्यको लेकर भी है। उन्होंने कहा कि जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। कोविड 19 के दौरान इसकी वैश्विक मांग तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका प्रयोग होने लगा। भारत अपनी अनुसंधान और साक्ष्य आधारित सत्यापन के माध्यम से अश्वगंधा को प्रामाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है।
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