इस देश की हिस्ट्री का सबसे बड़ा स्कैंडल जब कुछ अनजान लोग आते हैं और घरों, बसों, बाजार हर जगह पेन ड्राइव फेंक कर चले जाते हैं। जैसे उन्होंने पेन ड्राइव लगाई सभी के पसीने छूट गए। उस पेन ड्राइव के अंदर कई सारी ऐसी वीडियो थी जहां पर लड़कियां चिल्ला रही थी, गिड़गिड़ा रही थी कि उन्हें छोड़ दिया जाए। लेकिन वीडियो में मौजूद शख्स एक साइकोपैथ कि तरह व्यवहार करता नजर आता है। 60 से 65 साल की महिला चिल्ला रही थी और ये उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था। इस घटना के करीब एक साल बाद आज बेंगलुरू की अदालत से एक बड़ा फैसला सामने आया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और पूर्व जेडी(एस) सांसद को कर्नाटक के मैसूर स्थित केआर नगर की एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार करने और उसका वीडियो बनाने के जुर्म में आजीवन कारावास और 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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जुर्माने की 11 लाख रुपये की राशि बलात्कार पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। मामला दर्ज होने के मात्र 14 महीने बाद ही फैसला सुनाया गया और मुकदमा उल्लेखनीय गति से पूरा हुआ। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के साइबर अपराध थाने में दर्ज मामले में रेवन्ना पर महिला के साथ दो बार बलात्कार करने और इस कृत्य को रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। हासन से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला तब सुर्खियों में आया जब कथित तौर पर रेवन्ना द्वारा फिल्माए गए अश्लील वीडियो वाली एक पेन ड्राइव चुनाव से पहले प्रसारित की गई। हालांकि, रेवन्ना ने दावा किया कि उनसे जुड़े अश्लील वीडियो से छेड़छाड़ की गई थी और उन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। मुकदमा 31 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ। अगले सात महीनों में, अदालत ने 23 गवाहों से पूछताछ की और वीडियो क्लिप की प्रमुख फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) रिपोर्टों के साथ-साथ अपराध स्थल से निरीक्षण रिपोर्टों की भी समीक्षा की।
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केस की पूरी टाइमलाइन
21 अप्रैल 2024: हासन में लोगों को कुछ पेन ड्राइव वितरित की गईं जिनमें कथित रूप से अश्लील वीडियो क्लिप्स थीं। ये वीडियो प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े होने की बात कही गई और यहीं से मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया।
22 अप्रैल 2024: इन पेन ड्राइव से कुछ चुनिंदा वीडियो मोबाइल और व्हाट्सएप पर शेयर होने लगे। वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में नजर आ रहे थे।
23 अप्रैल 2024: एक महिला ने हासन सेंट्रल ईएन पुलिस स्टेशन में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
26 अप्रैल 2024: इस दिन प्रज्वल रेवन्ना ने लोकसभा चुनाव में मतदान किया।
कर्नाटक में एक तत्कालीन सांसद पहले तो दोबारा से सांसद बनने के लिए वोट चुनाव अभियान चला रहा होता है। लेकिन
27 अप्रैल 2024: प्रजवल रेवन्ना जर्मनी भाग जाता है। ठीक इसी दिन कर्नाटक की सरकार की तरफ से एक एसआईटी का गठन कर दिया जाता है।
30 अप्रैल 2024: एसआईटी ने प्रज्वल को नोटिस भेजा और 24 घंटे के भीतर पेश होने का निर्देश दिया।
7 मई 2024: सीआईडी साइबर थाने में एक जेडीएस महिला कार्यकर्ता ने बलात्कार का केस दर्ज कराया।
8 मई 2024: स्थानीय अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
31 मई 2024: प्रज्वल भारत लौटा और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही SIT ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
जून 2024: तीसरी महिला, जिसकी उम्र 60 साल के आसपास थी, ने भी SIT के सामने बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई।
31 दिसंबर 2024: प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ मुकदमे की औपचारिक शुरुआत हुई> अदालत ने वीडियो, पीड़िता के बयान और डीएनए साक्ष्य के आधार पर सुनवाई शुरू की।
1 अगस्त 2025: लगभग 7 महीने लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को एक बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया।
2 अगस्त 2025: प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, ₹11 लाख का जुर्माना लगाया गया।