Monday, October 6, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयYes Milord: X ने केंद्र सरकार पर किया केस, धर्मातरण ऐक्ट लगाने...

Yes Milord: X ने केंद्र सरकार पर किया केस, धर्मातरण ऐक्ट लगाने पर UP पुलिस को फटकार, जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या हुआ

एलन मस्क की कंपनी एक्स ने केंद्र सरकार पर दायर किया केस। क्या असली जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है गरीबों को मिलने वाला लाभ? सरकार से सुप्रीम कोर्ट का सवाल। जबरन धर्मांतरण एक्‍ट लगाने पर SC ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्तन छूने को नहीं माना बलात्कार की कोशिश। स सप्ताह यानी 17 मार्च से 22 मार्च 2025 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

इसे भी पढ़ें: High Court की सुनवाई में टॉयलेट से लिया हिस्सा, अब देना होगा 2 लाख रुपये का जुर्माना

प्राइवेट पार्ट छूना या नाड़ा तोड़ना रेप नहीं
रेप के एक मामले में इलाहावाद हाई कोर्ट की टिप्पणी पर सोशल मीडिया में कड़ी प्रतिक्रिया आई। पहले भी हाई कोट के ऐसे कई फैसले रहे हैं, जो चर्चा में थे। ऐसे कुछ फैसलों को सुप्रीम कोर्ट पलट भी चुका है। हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष (पीड़िता) का जो आरोप है वह पहली नजर में रेप का केस या रेप के प्रयास का केस नहीं बनता है। लड़की का आरोप है कि उसका प्राइवेट पार्ट दवाया गया था और पायजामे का नाड़ा तोड़कर घसीटने की कोशिश की गई थी। इस केस में हाई कोर्ट ने कहा कि ये आरोप अपने आप में रेप या फिर रेप की कोशिश का नहीं है, बल्कि ऐसा अपराध धारा 354 (वी) यानी किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला और पॉक्सो की धारा-9 और 10 के तहत आता है। 
X ने केंद्र सरकार पर किया केस
सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दी है। इसमें इलॉन मस्क की कंपनी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी (IT) ऐक्ट का इस्तेमाल कर उसके प्लैटफॉर्म पर कंटेट को ब्लॉक किया है। ‘एक्स’ ने दलील दी है कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन है। डिजिटल प्लैटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की आजादी को कमजोर करता है। उसने सेक्शन- 79(3) (B) के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की है। 
खुद कमा सकते हैं तो पति से गुज़ारा भत्ता क्यों
दिल्ली हाई कोर्ट ने अलग रह रहे पति से खर्चा दिलाने की मांग कर रही एक महिला की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कमाने की क्षमता रखने वाली योग्य महिलाओं को पतियों से अंतरिम गुजारा भत्ते की मांग नहीं करनी चाहिए। जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने 19 मार्च को पारित आदेश में कहा कि CRPC की धारा 125 (पत्नी, बच्चों और माता-पिता के भरण-पोषण के लिए आदेश) में पति-पत्नी के वीच समानता वनाए रखने और पत्नी, वच्चों और माता-पिता को सुरक्षा प्रदान करने की बात है, लेकिन यह वेकार बैठे रहने को बढ़ावा नहीं देती। 

इसे भी पढ़ें: यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना पर गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रहीं, SC ने बयान जारी कर क्या कहा

धर्मातरण ऐक्ट लगाने पर UP पुलिस को फटकार 
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई जव उसने एक कथित दुष्कर्म के मामले में मनमाने ढंग से कार्रवाई की और उत्तर प्रदेश अवैध धर्मातरण निषेध अधिनियम, 2021 के तहत आरोप लगाए। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में बोलना नहीं चाहते लेकिन राज्य पुलिस पक्षपात कैसे कर सकती है? यह कैसे हो सकता है? तथ्य अपने आप सब कुछ कह रहे हैं और फिर भी आप जबरन धर्मातरण कानून लागू कर रहे हैं। जबकि इसकी कोई जरूरत ही नहीं है! 
SC ने राज्यों से पूछा, …तो 75% लोग गरीब कैसे ? 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ राज्य जव अपने विकास को दिखाना चाहते हैं तो दावा करते हैं कि उनकी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा है, लेकिन जब सब्सिडी लेने की बात आती है,  तो यही राज्य दावा करते हैं कि उनकी 75% आवादी गरीवी रेखा (BPL) के नीचे है। इन तथ्यों को कैसे समेटा जा सकता है। प्रवासी मजदूरों और गरीबी रेखा के नीचे के लाभार्थियों को उचित तरीके से राशन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं, इस पर गहराई से निगरानी की जरूरत है। 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments