राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राउरकेला के शोधकर्ताओं ने मौसम की बदलती परिस्थितियों में सौर पैनलों से अधिकतम बिजली के उत्पादन के लिए उनके द्वारा विकसित कम लागत वाली एक प्रौद्योगिकी का पेटेंट कराया है।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्रौद्योगिकी सूर्य के प्रकाश और तापमान में होने वाले बदलावों के बावजूद तेजी से काम करती है जिससे प्रणाली लगातार अधिकतम दक्षता से काम करती है और बिजली के स्तर में किसी भी तरह का उतार-चढ़ाव नहीं होता।
स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल (सीईआरआई) के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित अनुसंधान दल को ‘फोटोवोल्टिक सिस्टम’ के लिए पेटेंट दिया गया है।
एनआईटी राउरकेला के ‘इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग’ के एसोसिएट प्रोफेसर सुसोवन सामंता के अनुसार, सौर पैनल सूर्य के प्रकाश से बिजली का उत्पादन करते हैं, लेकिन तापमान में बदलाव और सूर्य के प्रकाश की तीव्रता के कारण वे दिन भर में जितनी बिजली पैदा करते हैं, उसमें बदलाव होता रहता है।
उन्होंने कहा कि हमेशा अधिकतम संभव ऊर्जा का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सौर प्रणाली में ‘ मैक्सिमम पावर पॉइंट ट्रैकिंग’ (एमपीपीटी) नामक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है।
सामंता ने कहा कि यह एक स्मार्ट प्रणाली है जो सूर्य के प्रकाश और तापमान में परिवर्तन के आधार पर वोल्टेज और करंट को समायोजित करके अधिकतम संभव बिजली का उत्पादन करने में सौर पैनलों की मदद करती है।