मुंबई – लंबी दूरी की ट्रेनों के एसी कोचों से यात्रियों द्वारा एक साल में तीन लाख तौलिए और 18 हजार चादरें चुराई गई हैं। ये चोरियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। ठीक वैसे ही जैसे रेलवे को घाटा हो रहा है। परिणामस्वरूप, रेलवे ने कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
भारतीय रेल में प्रतिदिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों के एसी कोचों में यात्रियों की सुविधा के लिए दो चादरें, एक कंबल, एक तकिया और एक तौलिया का पूरा सेट उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए कुछ डिब्बों में केवल तकिया और चादर ही उपलब्ध कराई जाती है। रेलवे प्रशासन को दी गई जानकारी के अनुसार, कई यात्री यात्रा के लिए रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई गई इन वस्तुओं को चुरा लेते हैं। इतना ही नहीं, एसी कोचों के बाथरूमों में नल और अन्य सामान की चोरी भी बढ़ने लगी है। यह बात सामने आई है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर अंचल में सबसे ज्यादा चोरियां हो रही हैं।
रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक चोरी होने वाली वस्तुएं चादरें और तौलिए हैं। इससे रेलवे को वित्तीय नुकसान होता है। वर्ष 2023-24 में 18,208 चादरें, 2796 कंबल, 19767 तकिया कवर और 3.08 लाख तौलिए चोरी हुए। रेलवे ने चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। तदनुसार जारी नये दिशा-निर्देशों के अनुसार रेलवे संपत्ति चोरी करने वालों के विरुद्ध 1966 के अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। चोरी करते पकड़े जाने पर किसी को एक वर्ष तक की जेल, 1,000 रुपये तक का जुर्माना या पांच वर्ष तक की जेल हो सकती है। कई बार यात्री ट्रेन से उतरने के बाद अपनी चादरें और तौलिए अपनी सीट पर ही छोड़ देते हैं और अगर बाद में कोई उन्हें चुरा भी लेता है तो भी यात्री के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसलिए यात्रा पूरी करने के बाद यात्रियों को अपना सारा सामान कोच अटेंडेंट को वापस करना होगा।