मुंबई – मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी माना जाता है। लेकिन यह बात सामने आई है कि सबसे ज्यादा वित्तीय धोखाधड़ी मुंबई में हो रही है। वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में पुणे, मुंबई के बाद दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष दर्ज किए गए वित्तीय अपराध के मामलों की जानकारी सामने आई है। पिछले वर्ष महाराष्ट्र में वित्तीय धोखाधड़ी के कुल 2.19 लाख मामले सामने आये। इन मामलों में कुल 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई।
इनमें से अकेले मुंबई में वित्तीय धोखाधड़ी के 51,873 मामले सामने आए। जिसमें मुंबईकरों को 12,404.12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पुणे में कुल 22,059 मामले सामने आये। जिसमें लोगों को कुल 51222.66 करोड़ का नुकसान हुआ।
इस बीच, पिछले वर्ष मुंबई के बाद ठाणे जिले में वित्तीय अपराधों के 35,388 मामले दर्ज किये गये। इनमें से ठाणे शहर में ही 20,892 मामले, नवी मुंबई में 12,260 मामले और ठाणे ग्रामीण में 1236 मामले सामने आए।
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नागपुर शहर में धोखाधड़ी के 11,875 मामले दर्ज किये गये। नागपुर ग्रामीण में यह संख्या 1620 थी। इस प्रकार, नागपुर जिले में वित्तीय धोखाधड़ी के कारण नुकसान की राशि 1491.07 करोड़ थी।
नासिक में ऐसे अपराधों की संख्या 9169 थी। इनमें से 6381 अपराध नासिक शहर में और 2788 अपराध नासिक ग्रामीण में दर्ज किये गये। जिसमें कुल 1047.32 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। तो छत्रपति संभाजी नगर में 6090 मामलों में 543.61 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई। छत्रपति संभाजीनगर शहर में 4837 और अमरावती में 1819 मामले सामने आए। सोलापुर जिले में 3457 मामलों में 394.54 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
इसके अलावा अन्य जिलों की बात करें तो बुलढाणा में 1531 अपराध, चंद्रपुर में 1792 अपराध और लातूर में 1624 अपराध हुए, जिनमें क्रमश: 1,25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 239.19 करोड़ रु. 175.39 करोड़ रु. 240.45 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।