माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा का उपवास रखा जाता है, जो प्रभु श्री हरि विष्णु को समर्पित है। उदया तिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की जाएगी। यह दिन लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा का व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
माघ पूर्णिमा की तिथि और समय
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025 को 06:55 PM
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025 को 07:22 PM
- चंद्रोदय: 05:59 PM
कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा?
- स्नान: पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- जलाभिषेक: भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें।
- अभिषेक सामग्री: माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
- अर्पण सामग्री: मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
- दीप प्रज्वलन: मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- व्रत संकल्प: संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें।
- व्रत कथा: पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें।
- श्री लक्ष्मी सूक्तम: श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें।
- आरती: पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।
- भोग: माता को खीर का भोग लगाएं।
- चंद्रमा को अर्घ्य: चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- क्षमा प्रार्थना: अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
उपाय:
माघ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। वैवाहिक दिक्कतें दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े में पूजा करें और माता को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
इस माघ पूर्णिमा पर इन विधियों का पालन करके आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि का संचार कर सकते हैं।