राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, दिव्यांगों और घुमंतू जनजातियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है।
विधानसभा में अपने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने अंत्योदय (अंतिम व्यक्ति का कल्याण) के सिद्धांतों का पालन करते हुए आम जनता के कल्याण के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ काम किया है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उप-योजनाओं के बजट को बढ़ाकर 1750 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
गहलोत ने कहा कि अनाथ बच्चों को पालनहार योजना के तहत प्रति माह आर्थिक सहायता देने के लिए 1 हजार 110 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही, वंचित तबकों के विद्यार्थियों के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 774.54 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत 30,000 विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी, जिसके लिए 108 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान है।चर्चा के बाद सदन ने विभाग के लिए अनुदान मांग को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री कन्हैया लाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता के लाभ के लिए जल जीवन मिशन की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी है।
एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि रतनगढ़-सुजानगढ़ की वृहद पेयजल परियोजना निर्धारित समय सीमा में पूरी नहीं हो पाई है तथा धीमी गति से चल रही है। मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि जल जीवन मिशन में लापरवाही बरतने वाले किसी भी ठेकेदार या अधिकारी की जांच कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।