मुंबई: उद्धव ठाकरे की पार्टी वसई-विरार नगर निगम के पूर्व शिवसेना पार्षद स्वप्निल बांदेकर समेत चार लोगों को एक बिल्डर से 10 करोड़ रुपये की कथित जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। बिल्डर के साझेदारों में से एक हिमांशु शाह 25 लाख रुपये की फिरौती की पहली किस्त लेते समय पुलिस के जाल में फंस गया। बाद में स्वप्निल और अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
शिकायत के अनुसार, 34 वर्षीय बिल्डर आकाश गुप्ता वर्ली में एक झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के मालिक हैं। स्वप्निल बांदेकर ने इस परियोजना के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर शिकायतें दर्ज कराई थीं। इस मामले में स्वप्निल बांदेकर पर समझौते के लिए 10 करोड़ रुपए की फिरौती मांगने का आरोप था। बाद में 1.5 करोड़ रुपए में समझौता तय हुआ था। मलाड निवासी 45 वर्षीय हिमांशु शाह स्वप्निल बांदेकर की ओर से फिरौती की रकम की पहली किस्त पच्चीस लाख रुपये लेने आया था। नवघर पुलिस ने शनिवार रात को भयंदर स्थित एक रेस्टोरेंट में जाल बिछाकर हिमांश शाह को गिरफ्तार कर लिया। नवघर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक अमोल तालेकर ने बताया कि इसके बाद पूर्व नगरसेवक स्वप्निल बांदेकर और उसके दो साथियों किशोर काजरेकर और निखिल बोलर को वसई से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया। स्वप्निल बांदेकर 2015 से 2020 तक वसई-विरार नगर निगम में शिवसेना के पार्षद थे। शिवसेना में विभाजन के बाद भी वह उद्धव ठाकरे गुट में बने रहे।
बिल्डर के पार्टनर ने फिरौती का प्रस्ताव रखा।
शिकायतकर्ता आकाश गुप्ता 2012 से वर्ली और वसई विरार इलाकों में कंस्ट्रक्शन का कारोबार कर रहे हैं। हिमांशु शाह आकाश गुप्ता की कंपनी में पार्टनर हैं। गुप्ता चिंताहरण चिंतपूर्णी एलएलपी रियलटर्स नामक कंपनी के मालिक हैं। इस कंपनी को वर्ली आदर्श नगर में दर्शन सोसाइटी के पुनर्विकास का काम दिया गया था। इस परियोजना में 240 झुग्गीवासी हैं। झुग्गीवासियों को दो साल का किराया दिया गया है। 22 अक्टूबर 2024 को अनुमति प्रदान की गई तथा कार्य प्रगति पर है।
वसई विरार नगर निगम के पूर्व नगरसेवक स्वप्निल बांदेकर ने इस परियोजना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय शिकायतकर्ता की कंपनी के पार्टनर हिमांशु शाह ने स्वप्निल बांदेकर से कहा कि शिकायत वापस लेने के लिए उन्हें पैसे देने होंगे। 22 अक्टूबर 2024 को हिमांशु शाह, किशोर और आकाश गुप्ता की माटुंगा के एक कैफे में पहली मुलाकात हुई। उस समय 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। अन्यथा, उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद डेढ़ करोड़ रुपए में समझौता हो गया। बिल्डर पच्चीस लाख रुपए देने को तैयार था। नवंबर 2024 और दिसंबर 2024 में 25 लाख रुपये प्रति माह और जनवरी 2025 से अक्टूबर 2025 तक 10 लाख रुपये प्रति माह प्रदान करने का निर्णय लिया गया। लेकिन, पैसे न दे पाने पर आकाश गुप्ता को धमकाया गया। अंततः उन्होंने नवघर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
नवघर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2), 308(3), 308(4), 352, 351(2) 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।