केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और उनके श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन जाने पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उमर अब्दुल्ला ने यह सच है कि मैं दो दिन पहले अपने पिता के साथ ट्यूलिप गार्डन गया था। संयोग से, केंद्रीय मंत्री भी उस समय वहां मौजूद थे। मैंने उनका अभिवादन किया और उन्होंने मुझसे उनके साथ एक तस्वीर लेने के लिए कहा। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि क्या मुझे उन्हें मना करना चाहिए था? क्या मुझे उनका अपमान करना चाहिए था?
इसे भी पढ़ें: ‘देश में मुसलमानों के विचारों का कोई महत्व नहीं’, किरेन रिजिजू के कश्मीर दौरे पर ऐसा क्यों बोलीं महबूबा मुफ्ती
आपको बता दें कि केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को श्रीनगर के खूबसूरत ट्यूलिप गार्डन में एक साथ शांतिपूर्ण सुबह की सैर का आनंद लिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की। सोशल मीडिया पर किरेन रिजिजू ने लिखा, “श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में ट्यूलिप गार्डन के जीवंत रंगों के बीच माननीय सीएम उमर अब्दुल्ला जी के साथ एक ताज़ा सुबह की सैर और डॉ फारूक अब्दुल्ला साहब से मिलकर भी खुशी हुई।”
रिजिजू ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने आश्चर्यजनक प्राकृतिक परिवेश और उनके बीच हुई सार्थक बातचीत का वर्णन किया, जिसने इसे एक यादगार और विशेष सुबह बना दिया। पोस्ट में लिखा है, “प्रकृति अपने सबसे बेहतरीन रूप में है और गर्मजोशी और दूरदर्शिता से भरी बातचीत, यह वास्तव में एक विशेष सुबह है।” हालांकि, इसको लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भड़क गई हैं। उन्होंने कहा कि आज जो कुछ हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूँ। कश्मीर के लोगों ने आज जो कुछ देखा, वह बहुत दर्दनाक है। मुजफ्फरनगर में नमाज के दौरान काली पट्टी बांधने पर मुसलमानों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। आज देश में मुसलमानों की यही हालत है।
इसे भी पढ़ें: Chai Par Sameeksha: संसद में सत्ता पक्ष भारी पड़ा या विपक्ष, NDA दिखा मजबूत या INDIA ने दिखाया दम
पूर्व सीएम ने कहा कि एनआरसी लाने के बाद मुसलमानों को यह साबित करना पड़ेगा कि वे देश के मूल निवासी हैं, अब उन्हें अपनी कब्रों के बारे में भी साबित करना होगा। वक्फ की संपत्तियां मुसलमानों के लिए एक सहारा थीं, अब उन्हें भी छीना जा रहा है। हमें जम्मू-कश्मीर सरकार से उम्मीद थी कि वे इसका मुखर विरोध करेंगे और फिर इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जो देश के प्रमुख नेताओं में से हैं, वे सभी नेताओं को विरोध के लिए बुला सकते थे, हम भी शामिल होते, लेकिन आज क्या हुआ? हमने उनके बेटे, जम्मू-कश्मीर के सीएम को ट्यूलिप गार्डन में उस मंत्री (किरेन रिजिजू) के साथ घूमते देखा, जिन्होंने देश के मुसलमानों की गर्दन पर तलवार लटकाने का काम किया।