केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि कई राज्यों में की गई जाति जनगणना की कवायद अवैज्ञानिक है। एनडीए शासित बिहार सहित कई राज्य पहले ही जाति जनगणना के आंकड़े प्रकाशित कर चुके हैं।
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वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस सरकारें हमेशा से जाति जनगणना का विरोध करती रही हैं। 2010 में स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर मंत्रिमंडल में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है, वहीं कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों से समाज में संदेह पैदा होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षणों के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह बेंचमार्क मूल्य है, जिससे नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिलांग से सिलचर तक 22,864 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले हाई-स्पीड कॉरिडोर राजमार्ग को मंजूरी दे दी है।
#WATCH | Delhi | “Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census,” says Union Minister Ashiwini Vaishnaw on Union Cabinet decisions. pic.twitter.com/0FtK0lg9q7
— ANI (@ANI) April 30, 2025