दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की भाजपा सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाते हुए एक नई पूर्णतया विश्वसनीय आबकारी नीति लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि नीति पारदर्शी होगी और यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की जाएगी कि इससे समाज में कोई समस्या पैदा न हो। इस साल फरवरी में आम आदमी पार्टी को हराकर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आई थी। पिछली आप सरकार द्वारा लाई गई आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताएं और भ्रष्टाचार भाजपा के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था। आरोप सामने आने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया।
इसे भी पढ़ें: ‘अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है, वहां भी कमल खिलेगा’, जेपी नड्डा ने सीधे ममता बनर्जी को दे दी चुनौती
गुप्ता ने कहा कि हम एक नई, फुलप्रूफ नीति लाएंगे जो पारदर्शी हो और सरकार के लिए राजस्व पैदा करे। उन्होंने कहा कि नीति ऐसी होगी कि इससे लोगों और समाज को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में आबकारी नीतियाँ ठीक चल रही हैं। हम अलग-अलग राज्यों की इन बेहतरीन आबकारी नीतियों का पालन करेंगे। आप ने नवंबर 2021 में पुरानी आबकारी नीति को बदल दिया और दिल्ली में शराब व्यापार में सुधार के उद्देश्य से नई नीति (2021-22) लागू की। हालाँकि, यह नीति अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों का शिकार हो गई।
इसे भी पढ़ें: ‘पहले से बहुत फर्क आया है, पूरे हो रहे हैं टारगेट’, यमुना की सफाई को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान
जुलाई 2022 में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके तुरंत बाद आप सरकार ने इसे रद्द कर दिया। नीति के तहत, निजी खिलाड़ियों को थोक और खुदरा शराब संचालन संचालित करने की अनुमति दी गई थी। शराब की दुकानें निजी कंपनियों को सौंप दी गईं और सरकार ने कारोबार छोड़ दिया। आखिरकार, 31 अगस्त, 2022 को इस नीति को खत्म कर दिया गया और निजी शराब की दुकानें बंद कर दी गईं।