पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय पर्यटन शहर दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार शाम को ‘महायज्ञ’ के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनुष्ठान में हिस्सा लेंगी। पुरी में 12वीं सदी के मंदिर की प्रतिकृति जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन बुधवार को ‘अक्षय तृतीया’ के शुभ अवसर पर होने वाला है। दीघा पुरी से लगभग 350 किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मंदिर में ‘महायज्ञ’ में भाग लेंगी। पूजा के दौरान कई अनुष्ठान होंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘महायज्ञ’ में करीब 100 क्विंटल ‘आम काठ’ और ‘बेल काठ’ तथा दो क्विंटल घी का इस्तेमाल किया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि बुधवार को देवताओं की मूर्तियों की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि अनुष्ठान के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों से पवित्र जल पहले ही मंदिर में लाया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को मंदिर के उद्घाटन के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को शरीर को गर्मी से बचाने के लिए ‘गमछा’ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके लगभग 24 एकड़ भूमि पर निर्मित जगन्नाथ मंदिर, जिसे ‘जगन्नाथ धाम’ के नाम से भी जाना जाता है, एक वास्तुशिल्प चमत्कार है, जो जटिल नक्काशी और पारंपरिक डिजाइन का मिश्रण है।
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बनर्जी ने कहा था कि यह मंदिर अगले कई हज़ार सालों तक लोगों के संगम स्थल के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा यह मंदिर निश्चित रूप से राज्य के लिए एक नया आयाम जोड़ेगा। दीघा एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित होगा। यह सद्भाव का स्थान बनेगा। समुद्र की वजह से दीघा का एक अलग ही आकर्षण है। अब अगर यह तीर्थस्थल बन जाए तो और भी ज़्यादा पर्यटक आएंगे। मुझे लगता है कि मूर्तिकारों ने शानदार काम किया है।