संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और प्रवर्तन एवं निष्कासन अभियान (ईआरओ) ने पंजाब में हमलों में शामिल एक आतंकवादी हरप्रीत सिंह को शुक्रवार को अमेरिका में गिरफ्तार किया। एफबीआई ने कहा कि हरप्रीत सिंह दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों से जुड़ा हुआ है और अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था। एफबीआई के अनुसार, उसने पकड़ से बचने के लिए बर्नर फोन का इस्तेमाल किया। दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों से जुड़े पर साझा की गई एक पोस्ट में, उसने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया और पकड़ से बचने के लिए बर्नर फोन का इस्तेमाल किया।
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23 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2024 चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी संगठन के चार आतंकवादी गुर्गों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में शामिल आरोपियों में पाकिस्तान स्थित नामित व्यक्तिगत आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया शामिल हैं। ये दोनों आतंकवादी हमले के पीछे मुख्य संचालक और साजिशकर्ता थे। उन्होंने ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के लिए चंडीगढ़ में भारत स्थित जमीनी गुर्गों को रसद सहायता, आतंकी फंड, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था। सितंबर 2024 के हमले का उद्देश्य पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को निशाना बनाना था, जिसे हमलावरों का मानना था कि वह घर का रहने वाला था।
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जांच से पता चला कि रिंडा ने हैप्पी पासिया के साथ मिलकर ग्रेनेड हमले के माध्यम से कानून प्रवर्तन अधिकारियों और आम जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश रची थी, जिसका उद्देश्य बीकेआई के आतंकवादी एजेंडे को बढ़ावा देना था। उन्होंने रोहन मसीह और विशाल मसीह नामक स्थानीय गुर्गों की भर्ती की थी, जिन्हें उनके सीधे निर्देशों के तहत हमला करने का काम सौंपा गया था। जांच से पता चला कि रिंडा और हैप्पी ने अन्य आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को ग्रेनेड फेंकने से पहले दो बार लक्ष्य की टोह लेने का निर्देश दिया था।