समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वक्फ संशोधन कानून भाजपा की नाकामियों को छिपाने का एक तरीका है, जिसे उनकी योजनाओं की नाकामियों को छिपाने के लिए लाया गया है। जौनपुर में मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा कि वक्फ बिल उनकी नाकामियों को छिपाने का एक तरीका है। वे अपनी योजनाओं की नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसे कानून लाए हैं। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा में भी इसे स्वीकार नहीं किया।
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अखिलेश ने कहा कि आने वाले समय में भाजपा की हार होगी। भाजपा पीडीए की एकता का सामना नहीं कर सकती। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि सरकार प्रमुख सार्वजनिक मुद्दों पर जवाब नहीं देना चाहती है और कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हर निर्णय ले रही है। अखिलेश यादव ने कहा, “वे महंगाई पर जवाब नहीं देना चाहते हैं और बेरोजगारी दर में काफी वृद्धि हुई है। वे जवाब नहीं देना चाहते हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं। सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हर निर्णय ले रही है।”
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सपा प्रमुख ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री को कुछ नहीं पता। वह कह रहे हैं कि तीन साल में वह गरीबी मिटा देंगे, यानी गरीबी शून्य हो जाएगी। वे जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट खुद कहता है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सिविल विवादों को आपराधिक मामलों में बदलने की “बेतुकी” प्रथा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस तरह की प्रथा को गलत, बेतुका और शीर्ष अदालत द्वारा पहले के फैसले में जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत बताया। इसने स्पष्ट किया कि पैसा लेना और वापस न करना कोई आपराधिक कृत्य नहीं है।