मोहाली की एक विशेष POCSO अदालत ने 2018 के जीरकपुर यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में विवादास्पद पादरी बजिंदर सिंह को दोषी ठहराया है। अदालत 1 अप्रैल को उनकी सजा का ऐलान करेगी। सिंह शुक्रवार को छह अन्य आरोपियों के साथ अदालत में पेश हुए। हालांकि, सबूतों के अभाव में पांच सह-आरोपियों को बरी कर दिया गया।
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लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने के दौरान गिरफ्तार
यह मामला 2018 का है जब जीरकपुर की एक महिला ने बजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसे जुलाई 2018 में लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने की कोशिश करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। जीरकपुर पुलिस ने चमत्कार के जरिए बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले बजिंदर सिंह के खिलाफ पीड़िता की शिकायत के आधार पर छह अन्य लोगों के साथ एफआईआर दर्ज की थी। अन्य आरोपियों में अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप उर्फ पहलवान शामिल थे।
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आरोप और जांच
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 420 (धोखाधड़ी), 354 (शील भंग करना), 294 (अश्लील कृत्य), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (दंगा) और 149 (अवैध रूप से एकत्र होना) के तहत मामला दर्ज किया है। चार्जशीट के अनुसार, ताजपुर गांव में चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम के पादरी बजिंदर सिंह ने जालंधर में एक नाबालिग लड़की का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया। उसने कथित तौर पर उसका फोन नंबर ले लिया और अश्लील संदेश भेजने शुरू कर दिए। उसने कथित तौर पर उसे चर्च में अपने केबिन में अकेले बैठाया, जहाँ उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।