प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बताया जा रहा है कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए सभी शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा बैठक में कहा कि सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट है। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया। यह ऐसे समय में हुआ है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
इस बीच, पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर गहन आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं, मामले से परिचित सूत्रों ने एएनआई को बताया। सूत्रों के अनुसार, चल रहे अभियानों की संवेदनशील प्रकृति के कारण इस स्तर पर कोई विशेष अपडेट साझा नहीं किया जा रहा है। सोमवार को, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने और आतंकी गतिविधियों से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डोडा जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की।
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दूसरी ओर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें तीन अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल के बीच आयोजित की गई है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर सैलानी थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक ब्रिघु श्रीनिवासन और असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा शामिल हुए।