बीजेपी ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम क्या फाइनल कर दिया है? कौन है वो नेता जो बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा। क्या है वो फैक्टर जिसने बीजेपी के नए चीफ का नाम तय कर दिया। दरअसल, आने वाले समय में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरल में चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री हो या पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, इनमें से जब भी पीएम मोदी ने किसी को चुना है तो वो चौंकाने वाला रहा है। हाल ही में बीजेपी ने कई राज्यों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सीएम के नाम पर मुहर लगी इसकी बानगी हर किसी ने देखी। अब ऐसा ही कुछ बीजेपी के नए चीफ को लेकर भी होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों आरएसएस के मुख्यालय पहुंचकर संघ संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालकर माधव सदाशिव गोलवलकर के स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी का बतौर प्रधानमंत्री संघ मुख्यालय का ये पहला दौरा था। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए। बता दें कि इससे पहले नरेंद्र मोदी 16 जुलाई 2013 को आखिरी बार लोकसभा चुनाव 2014 की मीटिंग में शामिल होने के लिए आरएसएस मुख्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद करीब 12 साल बाद पीएम मोदी ने आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया। इस मुलाकात के बाद अब सभी की नजरे एक बड़े फैसले पर है। वो बड़ा फैसला ये है कि बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के बाद अब जल्द ही बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: ईद पर खुशियां बांटी जा रही हैं और राजनीति भी जमकर हो रही है, Modi ने मुबारकबाद दी तो ममता ने मुस्लिम कार्ड खेल दिया
इसमें कोई दो राय नहीं कि पीएम मोदी और मोहन भागवत द्वारा नाम पर सहमति बनने के बाद ही नए अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। पार्टी के सूत्रों की मानें तो चुनाव की प्रक्रिया नवरात्रि में कभी भी शुरू हो सकती है। पार्टी ने 10 अप्रैल को अपने शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और सभी राज्यों के अध्यक्षों, चुनाव प्रभारियों को दिल्ली बुलाया है। समझा जा रहा है कि नाम घोषित होने के बाद राज्यों से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे। पार्टी संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से ज्यादा राज्यों में अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। पार्टी सूत्र बताते हैं कि आधे से ज्यादा में चुनावी प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। लेकिन कुछ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में पेंच फंसा हुआ है। इन तीनों ही राज्यों में जातीय समीकरण साधना बड़ी चुनौती बना हुआ है। पार्टी में एक मत तीनों प्रदेशों में ब्राह्मण चेहरा देने की है। लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछड़े को मौका देने की बात चल रही है। मध्य प्रदेश दो दशक से चल रहा ब्राह्मण-ओबीसी के तालमेल को तोड़ने की बात हो रही है। वहां पर प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मण रहा तो मुख्यमंत्री ओबीसी। अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का पद आदिवासी चेहरे को देने की सोच रहा है। कभी कोई आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहा।
इसे भी पढ़ें: Eid-ul-Fitr 2025 | दूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा ईद का त्यौहार, पीएम मोदी ने दी बधाई, समाज में आशा और सद्भाव की कामना की
वहीं बात राष्ट्रीय अध्यक्ष की करें तो ये तय मानिए कि मोहन भागवत और पीएम मोदी की मीटिंग में नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी। भूपेंद्र यादव के नाम की चर्चा काफी तेज चल रही है। एक चर्चा ये भी है कि अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भूपेंद्र यादव के नाम पर मुहर लगती है तो फिर समीकरण बदल जाएंगे। यूपी में फिर किसी ब्राह्मण को मौका मिल जाएगा। अध्यक्ष पद के लिए धर्मेंद्र प्रधान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, जी किशन रेड्डी जैसे नाम चर्चा में बने हुए हैं। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था। लेकिन आम चुनाव और राज्यों के चुनाव के चलते उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया है। ऐसे संकेत हैं कि बेंगलुरु में 18 अप्रैल को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा करा लिया जाएगा।