दमोह के मिशन हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी कर 7 लोगों की जान लेने वाले फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को यूपी से गिरफ्तार कर देर रात दमोह लाया गया। आरोपी को मंगलवार के दिन जिला कोर्ट में पेश किया गया। नरेंद्र जॉन कैम को पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दमोह जिला कोर्ट में नकली डॉ. के साथ मारपीट भी हुई है। आरोपी को भीड़ से बचाने के चलते पुलिसकर्मी गाड़ी से गिर गए। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फर्जी सर्जन एन जॉन कैम उर्फ डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को गिरफ्तार किया गया है। उस पर खुद को योग्य सर्जन बताकर सात मरीजों की जान लेने का आरोप है। दमोह के मिशन अस्पताल में दो महीने के कार्यकाल के दौरान उसने करीब 70 मरीजों की जांच की और 13 सर्जरी की।
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कैम को भोपाल स्थित एक एजेंसी के माध्यम से भर्ती किया गया था और उसे 8 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता था। उसने अस्पताल को फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनमें मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल अधिनियम, 1987 के तहत आवश्यक पंजीकरण विवरण नहीं था। उसने जो मेडिकल पंजीकरण संख्या प्रदान की, जिसे आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी किया गया था, वह अवैध पाई गई।
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फर्जी मेडिकल लाइसेंस, हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों की मौत
यह जांच कलेक्टर सुधीर कोचर के निर्देशन में शुरू की गई थी। डॉ. एम.के. जैन, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. विशाल शुक्ला और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रांत सिंह चौहान की तीन सदस्यीय टीम ने जांच की। उन्होंने पाया कि कैम द्वारा की गई प्रक्रियाओं के बाद कई मरीजों की मौत हो गई थी और उनकी योग्यता में महत्वपूर्ण विसंगतियां सामने आईं। जब जांच दल ने मिशन अस्पताल में कैम को खोजने का प्रयास किया, तो उन्हें बताया गया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उनके प्रमाण-पत्रों की आगे की जांच से पता चला कि आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल से उनके प्रमाण-पत्र पर पंजीकरण संख्या अमान्य थी, जिसका ऑनलाइन डेटाबेस में कोई मिलान रिकॉर्ड नहीं था, जिससे उनकी योग्यता पर गंभीर संदेह पैदा हुआ।