प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 2 दिवसीय अमेरिका दौरा संपन्न करके नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान डिफेंस लेकर इमीग्रेशन तक के मुद्दों पर बात हुई है। मोदी ट्रंप की महामुलाकात से पड़ोसी देश पाकिस्तान हैरान परेशान नजर आ रहा है। दोनों देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया. दोनों देशों के बयान में पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा भी शामिल था। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने मुंबई हमलों जैसे जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी समूहों से आतंकी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस बात की पुष्टि की कि आतंकवाद के वैश्विक खतरे से लड़ा जाना चाहिए और दुनिया के हर कोने से आतंकवादियों के पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए।
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पाकिस्तान ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा क्षेत्र में आतंकवाद को समर्थन की निंदा करने के बाद अपनी नाराजगी व्यक्त की और स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों द्वारा अन्य देशों पर हमले करने के लिए न करने दे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने कहा कि ‘पाकिस्तान-विशिष्ट’ विवरण का उल्लेख एकतरफा, भ्रामक और राजनयिक मानदंडों के खिलाफ था।
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संयुक्त बयान में कहा गया है कि 26/11 को मुंबई में हुए हमलों और 26 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान में एबी गेट बम विस्फोट जैसे जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद एवं लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकी समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारतीय और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कठघरे में लाने की साझा इच्छा जताई, जबकि अमेरिका ने घोषणा की कि राणा को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी गई है।