Friday, March 14, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीयतहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा:...

तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा: विदेश सचिव मिसरी

वाशिंगटन । भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत तहव्वुर राणा के आत्मसमर्पण और अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। उनका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति की उस घोषणा के बाद आया जिसमें कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। मिसरी ने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा, ‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अमेरिकी प्राधिकारियों ने बहुत स्पष्ट निर्णय लिए हैं।’’
‘व्हाइट हाउस’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की घोषणा की। मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों में संलिप्तता का आरोपी राणा भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित है। राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की समय-सीमा के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मिसरी ने कहा, ‘‘हम उसके आत्मसमर्पण और भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। कुछ अंतिम चरण पूरे किए जाने हैं। दोनों पक्ष इस विशेष मुद्दे पर संपर्क में हैं।’’
प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में कहा गया है कि मोदी और ट्रंप ने इस बात पर पुनः जोर दिया कि आतंकवाद के वैश्विक संकट से लड़ा जाना चाहिए तथा दुनिया के हर कोने से आतंकवादियों के ठिकानों को समाप्त किया जाना चाहिए। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। माना जाता है कि वह मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है। 
भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी को शीघ्र भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियागत मुद्दों पर अमेरिका के साथ काम कर रहे हैं।’’
पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर 2008 को अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया। लगभग 60 घंटे तक जारी रहे इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यहां तक ​​कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति भी बन गई थी। नवंबर 2012 में पाकिस्तान आतंकवादी समूह के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। भारत इस नृशंस हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है, लेकिन हमले के आरोपियों के खिलाफ अब तक मुकदमे की कार्रवाई बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments