एआईएडीएमके चीफ पलानीस्वामी ने कहा कि मेडिकल प्रेवश परीक्षा ‘नीट’ पर द्रमुक सरकार की बैठक एक ‘‘नाटक’’ है, इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। पलानीस्वामी ने कहा है कि अन्नाद्रमुक नीट मामले में द्रमुक सरकार द्वारा नौ अप्रैल को बुलाई गई विधायक दल के नेताओं की बैठक में शामिल नहीं होगी। बता दें कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मेडिकल प्रवेश के लिए राष्ट्रव्यापी प्रवेश परीक्षा एनईईटी से राज्य को छूट देने के प्रयास को उस वक्त झटका लगा, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य को कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति देने वाले विधेयक को अस्वीकार कर दिया।
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पिछले साल जून में विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें केंद्र सरकार से NEET को खत्म करने और राज्यों को स्कूल के प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश निर्धारित करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट की मांग करने वाले विधानसभा के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा नामंजूर किया जाना संघवाद के लिहाज से एक काला अध्याय है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था लेकिन इसे नामंजूर कर दिया गया। स्टालिन ने इस संबंध में नौ अप्रैल को विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाने की घोषणा की।
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स्टालिन ने राज्य विधानसभा को केंद्र के फैसले के बारे में सूचित करते हुए इस कदम पर निराशा व्यक्त की और कहा कि यह नामंजूरी संघवाद के लिहाज से एक काला अध्याय है। स्टालिन ने सदन को ताजा घटनाक्रम की जानकारी देते हुए केंद्र पर तमिलनाडु के लोगों की इच्छा और विधानसभा विधेयक की अवहेलना करने का आरोप लगाया।