दिल्ली- दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय में 7 से 13 अप्रैल 2025 तक डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती सप्ताह मनाया जा रहा है। संविधान निर्माता, समाज सुधारक और शिक्षा एवं समानता के प्रेरणास्त्रोत भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति में इस सप्ताह का आयोजन विविध शैक्षणिक, रचनात्मक और चिंतनशील गतिविधियों के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी रही।
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दिन 1 (7 अप्रैल): प्रस्तावना वाचन एवं फिल्म प्रदर्शन
सप्ताह की शुरुआत भारतीय संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से हुई, जिसका नेतृत्व दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. धनंजय जोशी ने किया। इसके पश्चात संविधान डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई, जो संविधान निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा और डॉ. अंबेडकर की अग्रणी भूमिका को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है।
दिन 2 (8 अप्रैल): स्लोगन लेखन एवं पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता
छात्रों ने सामाजिक न्याय, समानता, और मानवाधिकार जैसे विषयों पर अपने विचारों को रचनात्मक ढंग से व्यक्त किया। उनके नारों और पोस्टरों में डॉ. अंबेडकर के विचारों और आदर्शों के प्रति गहरा सम्मान झलकता रहा।
दिन 3 (9 अप्रैल): संगोष्ठी एवं शोध-पत्र प्रस्तुति
“डॉ. बी. आर. अंबेडकर का जीवन, विचार और योगदान” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में छात्रों ने संविधान निर्माण में योगदान, शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन, महिलाओं के अधिकार, एवं वंचित वर्गों के उत्थान जैसे विषयों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए। इसने छात्रों में आलोचनात्मक सोच एवं अकादमिक संवाद को प्रोत्साहित किया।
दिन 5 (11 अप्रैल) को “Breaking barriers, building bridges” विषय पर फर्श पर बैठकर चर्चा
आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों ने डॉ. अंबेडकर के विचारों की समकालीन प्रासंगिकता पर गंभीर संवाद किया।
दिन 6 (12 अप्रैल) को छात्र “संविधान” डॉक्यूमेंट्री की शेष कड़ियाँ घर पर देखेंगे, ताकि वे भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया और डॉ. अंबेडकर की भूमिका को और अधिक गहराई से समझ सकें।
अंत में दिन 7 (13 अप्रैल) को छात्र “शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण”, “सामाजिक न्याय”, “संविधान के शिल्पकार अंबेडकर” तथा “नए भारत की कल्पना” जैसे विषयों पर हस्तनिर्मित अथवा डिजिटल कोलाज निर्माण प्रतियोगिता में भाग लेंगे, जो सप्ताह का रचनात्मक एवं चिंतनशील समापन होगा।
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विश्वविद्यालय परिवार की ओर से सभी छात्रों, शिक्षकों, आयोजकों तथा विशेष रूप से माननीय कुलपति प्रो. धनंजय जोशी एवं रजिस्ट्रार डॉ. संजीव कुमार राय को उनके मार्गदर्शन व सहयोग हेतु हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया।