अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का 19 हजार करोड़ रु. का फंड रोकने के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी ने यहूदी विरोधी प्रदर्शनकारी छात्रों को डिपोर्ट करने, यूनिवर्सिटी के विभागों का बाहरी एजेंसी से ऑडिट और विविधता, समानता व समावेशन (डीईआई) प्रोग्राम बंद करने का ट्रम्प का आदेश मानने से इनकार किया था। अब इसको लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिकी संविधान से मिले स्वतंत्रता के अधिकार को गिरवी नहीं रखेगी। कोई भी यूनिवर्सिटी अभिव्यक्ति की आजादी का केंद्र होती है। यूनिवर्सिटी होने के नाते हम अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग हैं। भयमुक्त समाज और सभी के लिए खुशहाल जीवन के लक्ष्य के साथ यूनिवर्सिटी ने बरसों तक काम किया है।
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हम हमेशा से किसी भी नस्ल (यहूदी) अथवा धर्म के विरुद्ध भड़काऊ प्रदर्शनों के खिलाफ रहे हैं। पिछले 15 महीनों के दौरान हमने ऐसे प्रयास किए हैं कि दुनिया रहने के लिए एक बेहतर जगह बने। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका की स्थापना से भी 140 साल पुरानी है। हार्वर्ड को 389 साल हो चुके हैं। यहां से पढ़कर 8 राष्ट्रपति निकले हैं। सत्ता में रहने वाली कोई भी राजनीतिक पार्टी हमें ये निर्देश नहीं दे सकती है कि हमें क्या पढ़ाना और कैसे पढ़ाना है, किन छात्रों को दाखिला देना है और किसे नियुक्ति देनी है।
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ट्रम्प सरकार ने यूनिवर्सिटी को अपनी नीतियों में बदलाव के आदेश दिए हैं। लेकिन, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिकी संविधान से मिले स्वतंत्रता के अधिकार को गिरवी नहीं रखेगी। कोई भी यूनिवर्सिटी अभिव्यक्ति की आजादी का केंद्र होती है। यूनिवर्सिटी होने के नाते हम अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग हैं। भयमुक्त समाज और सभी के लिए खुशहाल जीवन के लक्ष्य के साथ यूनिवर्सिटी ने बरसों तक काम किया है। हम हमेशा से किसी भी नस्ल (यहूदी) अथवा धर्म के विरुद्ध भड़काऊ प्रदर्शनों के खिलाफ रहे हैं। पिछले 15 महीनों के दौरान हमने ऐसे प्रयास किए हैं कि दुनिया रहने के लिए एक बेहतर जगह बने।