राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी की मिली कई शिकायतों के बाद दिल्ली के 600 निजी स्कूलों का बुधवार को निरीक्षण किया और 10 से अधिक विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक बयान के अनुसार, दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने मनमाने ढंग से और अत्यधिक फीस बढ़ोतरी की मिली शिकायतों के बाद निजी स्कूलों की जांच के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया है।
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फीस वृद्धि की शिकायतों पर 600 स्कूलों का निरीक्षण
संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता वाली इन समितियों में शिक्षा उपनिदेशक, लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल हैं। उक्त टीम को निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है, जिनमें शिक्षा निदेशालय को प्राप्त शिकायतों में खासतौर पर उल्लिखित विद्यालय शामिल हैं। बयान में कहा गया, ‘‘दिल्ली के अब तक 600 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया जा चुका है और यह प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर जारी है।’’
10 से अधिक को कारण बताओ नोटिस जारी
शिक्षा निदेशालय ने कहा कि मुनाफाखोरी के लिए मनमाने ढंग से फीस में बढ़ोतरी करने के लिए दोषी पाए गए स्कूलों को दिल्ली विद्यालय शिक्षा अधिनियम और नियम (डीएसईएआर) 1973 की धारा 24(3) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। इसमें कहा गया कि 10 से ज़्यादा ऐसे स्कूलों को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि गंभीर मामलों में मान्यता रद्द करने और स्कूल के प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने जैसी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।
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अभिभावकों ने स्कूल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया
आपको बता दें कि बुधवार को कई अभिभावकों ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और बढ़ी हुई स्कूल फीस को तत्काल वापस लेने तथा मामले में अधिकारियों से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा “अनियमित और अत्यधिक” फीस वृद्धि के खिलाफ अभिभावकों और अभिभावकों द्वारा लंबे समय से शिकायतें की जा रही हैं। उन्होंने स्कूलों पर दबाव डालने का भी आरोप लगाया है, जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र देने से इनकार करना और अनधिकृत शुल्क का भुगतान न करने पर छात्रों के नाम काटने की धमकी देना शामिल है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 15 अप्रैल को उन निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया था, जिन्होंने कथित तौर पर मनमाने ढंग से फीस बढ़ाई है। निजी स्कूलों के लिए “शून्य सहनशीलता” की नीति को व्यक्त करते हुए एक सख्त बयान में, गुप्ता ने कहा कि सरकार कार्रवाई करेगी और उन संस्थानों को नोटिस भेजेगी जिनके बारे में अभिभावकों ने शिकायत की है।