राष्ट्रीय राजधानी के कालिंदी कुंज के पास शुक्रवार को यमुना नदी में झाग की एक परत देखी गई, जिससे नदी में भारी प्रदूषण की ओर फिर से ध्यान गया है।
विशेषज्ञों ने कहा कि नदी की सतह पर झाग बार-बार होने वाली समस्या है, क्योंकि जलमल और औद्योगिक अपशिष्ट जल में मौजूद जहरीले रसायन अनियंत्रित रूप से इसमें बह रहे हैं।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रदूषक घुले हुए कार्बनिक पदार्थों जैसे जलकुंभी, पत्तियों और अन्य जंगली घास के साथ जमा होने के कारण पानी में झाग बनता है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, हमारे पास कालिंदी कुंज में झाग रोधी उपाय करने के लिए कोई निर्देश नहीं है।’’
पर्यावरण कार्यकर्ता भीम सिंह रावत ने कहा, ‘‘यमुना में झाग की समस्या एक चिरस्थायी मुद्दा बन गई है, जिसका मुख्य कारण पिछले वर्ष नदी के ऊपरी बेसिन में कम मानसूनी बारिश और इस वर्ष शीतकाल तथा मानसून-पूर्व मौसम में कम वर्षा होना है।