दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में इमारत ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि माना जा रहा है कि 8-10 लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं और बचाव अभियान जारी है। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) और अन्य संबंधित एजेंसियां चल रहे बचाव और राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: ‘ये गुंडागर्दी नहीं चलेगी’, अवैध ढाबे और मीट की दुकानों पर फूटा मंत्री मनजिंदर सिरसा का गुस्सा
अपने एक्स पोस्ट में रेखा गुप्ता ने लिखा कि मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दर्दनाक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। राहत एवं बचाव कार्यों में DDMA, NDRF, DFS और अन्य एजेंसियाँ सतत रूप से जुटी हैं। सभी घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जिनकी मृत्यु हुई है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें।
मलबे से एक व्यक्ति को बचा लिया गया है और उसे अस्पताल भेजा गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां मुस्तफाबाद इलाके में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं, जहां आज सुबह एक इमारत ढह गई थी जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि तीन महीने पहले जब मैं चुनाव जीता था, तब मैं इसी इलाके में था। मैंने उस समय कहा था कि यह इमारत हादसे का कारण बन सकती है। मैंने दिल्ली के एलजी और एमसीडी कमिश्नर से कहा है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने देखी ‘केसरी चैप्टर 2’
उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा… पूरा मुस्तफाबाद ऐसी इमारतों से भरा पड़ा है, जो नुकसान पहुंचा सकती हैं। इमारतें अवैध रूप से बनाई गई हैं। बिजली कंपनियां गरीबों को बिजली कनेक्शन नहीं दे रही हैं, लेकिन घरों के अंदर बिजली के खंभे लगे हुए हैं… एमसीडी और ऐसे विभाग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, और इस घटना ने उनकी पोल खोल दी है।