पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ितों से मिले। 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण इलाके में हिंसा भड़क उठी। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि वे (पीड़ित) सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें या उनके द्वारा सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सब पर विचार किया जाएगा। मैं उचित कार्रवाई के लिए इसे भारत सरकार और राज्य सरकार के समक्ष उठाऊंगा। मैं इसका अनुसरण करूंगा।
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राज्यपाल ने कहा कि मैंने एक बार उनसे कहा था कि वे मुझसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें। फोन नंबर भी दिया गया है। हम उनके संपर्क में रहेंगे। निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे। मैंने उनसे (पीड़ितों से) भी कहा है कि वे मुझसे बेझिझक बात करें। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, उन्हें न्याय मिलेगा। मालदा जिले में राहत शिविर के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मिलने नहीं दिया। सी.वी. आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी।
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इससे पहले बोस ने वैष्णबनगर के परलालपुर हाईस्कूल स्थित शरणार्थी शिविर में शरण लिए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों से बात की। उन्होंने शरण लिए लोगों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मैंने यहां शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा। उन्होंने मुझे विस्तार से जानकारी दी और यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं। निश्चित रूप से कुछ सक्रिय कार्रवाई की जाएगी।’’ विस्थापित लोग मूल रूप से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं, जो सुरक्षा की तलाश में पड़ोसी मालदा जिले में आए हैं। बोस ने मालदा के लिए ट्रेन में सवार होने से पहले कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं (हिंसा प्रभावित) क्षेत्र में जा रहा हूं।’’