Saturday, May 24, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीयAbraham Accords Part 2: सऊदी और इजरायल के बीच होने वाली है...

Abraham Accords Part 2: सऊदी और इजरायल के बीच होने वाली है दोस्ती? नेतन्याहू के वाशिंगटन में लैंड करते ही ट्रंप ने दिया बड़ा इशारा

डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। ट्रंप के सत्ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ और कई बंदियों की रिहाई भी हुई। इससे अब उम्मीद बढ़ने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी। इस बीच नेतन्याहू ने अमेरिका पहुंचने से पहले एक बड़ा बयान दिया। नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते समान्य बनाने को लेकर बहुत अहम बैठक होने जा रही है। इसके अलावा बंधकों की रिहाई पर भी नेतन्याहू और ट्रंप के बीच चर्चा होगी। पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में उनसे मिलने वाले वो पहले विदेशी नेता हैं। पीएम नेतन्याहू का वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ। 

इसे भी पढ़ें: नक्शा बदलने वाला है…ट्रंप से मिलने पहुंच गए नेतन्याहू, अब मीडिल ईस्ट में क्या बड़ा होने वाला है?

नेतन्याहू ने कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमास के साथ जारी युद्ध और सभी बंधकों की रिहाई के अलावा ईरान के आंतकी एक्सिस पर चर्चा करेंगे। इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा। ताकत के बल पर शांति हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे।  नेतन्‍याहू के प्रवक्‍ता दोस्‍तरी ने कहा कि हमारी इच्‍छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्‍छा है। ट्रंप चाहते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में वह अब्राहम अकॉर्ड 2 करें जिससे इजरायल और सऊदी में दोस्‍ती हो जाए। 

इसे भी पढ़ें: Trump ने मेक्सिको पर आयात शुल्क वृद्धि को एक माह रोका, कनाडा और चीन को राहत नहीं

इजरायल और अरब देशों के बीच का अब्राहम समझौता 

इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 13 अगस्त 2020 को हुआ था। उसी रात 11 सितंबर को इन दोनों देशों ने समझौता पर हस्ताक्षर किए। अब्राहम के नाम की खासियत ये है कि इसे इस्लाम, ईसाई और यहूदी तीनों ही धर्मों में पवित्रता के साथ लिया जाता है। इसका मतलब सहयोग की भावना है। अब्राहम समझौते का मुख्य मकसद अरब और इजरायल के बीच आर्थिक, राजनयिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को सामान्य बनाना था। सितंबर 2020 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक अब्राहम समझौते ने इज़राइल और यूएई और बहरीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जिससे 41 साल का गतिरोध टूट गया।  हालाँकि, सऊदी अरब अब्राहम समझौते का समर्थक था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया। 

 Stay
updated with
Latest International News in Hindi on Prabhasakshi

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments